जानिये क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियों के बारे मे, क्यों होना चाहिए 30% से कम

नई दिल्ली । बैंक से लोन लेते समय अक्सर आपने क्रेडिट स्कोर के बारे में सुना होगा. बता दें कि क्रेडिट स्कोर कर्ज अदा करने वाले व्यक्ति की साख को नापने का एक महत्वपूर्ण पैमाना है. ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर कई क्रेडिट ब्यूरो द्वारा तय किया जाता है. यह क्रेडिट ब्यूरो हर महीने का बिल, लोन की किस्त चुकाने का रिकॉर्ड और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों आदि को ध्यान में रखते हुए क्रेडिट स्कोर को निर्धारित करते हैं.

जानिए क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों के बारे मे 

क्रेडिट स्कोर पर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों का काफी प्रभाव पड़ता है. इसके जरिये आपके क्रेडिट कार्ड की जो लिमिट है, उसका एक महीने में आप कितना इस्तेमाल कर सकते हैं. आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल करते हैं, जितना आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे,  उतना ज्यादा आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों होगा. अधिकतर क्रेडिट कार्ड कंपनियां क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों को 30 फीसदी से ज्यादा के स्तर पर होने पर कर्ज का संकेत मानती है. वही क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने से आपके क्रेडिट स्कोर में भी सुधार आ सकता है.

यदि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट ₹1 लाख है और आप आमतौर पर हर महीने लगभग ₹50000 खर्च करते हैं. तो ऐसे में आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों 50% होगा. यदि आपका कार्ड जारीकर्ता आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ाकर 1.7 लाख रुपए कर देता है, तो आप का क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशों 29% पर आ जाएगा.

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