दिल्ली में घर-2 जाकर चालान काटना शुरू, हर मोहल्ले तैनात हो रही है टीम, जानें क्या है वजह

नई दिल्ली दिल्ली नगर निगम ने मलेरिया व डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर लापरवाही बरतने वाले लोगों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. जिन इलाकों से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं वहां विशेष अभियान चलाते हुए लोगों को घर-2 जाकर मच्छरजनित बीमारियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ज्यादा प्रभावित इलाकों में विशेष तौर पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. निगम की ओर से करीब 15 हजार घरों में जांच की गई है जिनमें से 255 घरों में मच्छरों का लार्वा पाया है. लापरवाही बरतने पर 76 लोगों के चालान काटे गए जबकि 270 लोगों को कानूनी नोटिस भेजा गया है.

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दक्षिणी नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सितंबर अक्टूबर महीने में हुई अत्यधिक बारिश के चलते जगह-2 जलभराव हुआ था, जो मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती है. इसी वजह से दिल्ली में डेंगू मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. एडीज मच्छर डेंगू व चिकनगुनिया वायरस का वाहक होता है. यें मच्छर उन खुलें बर्तनों में पैदा होते हैं जहां एक सप्ताह तक पानी जमा रहता है.

दक्षिणी नगर निगम अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत करीब 15 हजार भवनों में मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग एवं कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया है. उन्होंने बताया कि मच्छरों के प्रजनन के ज्यादातर मामले घरेलू बर्तनों, छतों पर पड़े टायरों , पानी की टंकी एवं घर के अंदर प्रजनन के लिए उपयुक्त तापमान होने के कारण मिलें हैं. लोगों को सलाह दी गई है कि इन खाली पड़ी चीजों पर ढक्कन लगाकर रखें या फिर कपड़ा बांध दें. अपने आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें.

रविवार को तुगलकाबाद एक्सटेंशन, तुगलकाबाद गांव, गौतम नगर, महरौली, मोहम्मदपुर गांव व तिगड़ी, जेजे कालोनी जैसे 35 उच्च खतरे वाले स्थानों पर मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव किया. निगम ने बताया कि इस दौरान 15 हजार से अधिक हैंडबिल बांटे, छह हजार से स्टीकर चस्पा किए. इसके अलावा दिल्ली में लगातार बढ़ रही डेंगू मरीजों की संख्या को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए सोहनलाल ट्रस्ट व दिल्ली पिस्टन राइडर्स के संयुक्त तत्वावधान में बाईक रैली निकाली गई.

पड़ोसी राज्यों से भी आ रहें हैं मरीज

अब तक सामने आएं डेंगू मरीजों में से 66% मरीज पड़ोसी राज्यों से है. इसी तरह मलेरिया के भी 55% केस पड़ोसी राज्यों से ही है. इसमें अधिक संख्या एनसीआर क्षेत्र में शामिल गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा व गाजियाबाद से है. पड़ोसी राज्यों से मरीज आने से निगम को अपनी व्यवस्था करने में दिक्कत आ रही है क्योंकि निगम अपनी आबादी के हिसाब से इंतजाम करता है.

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