दिल्ली में आम आदमी के लिए घर बनाना होगा महंगा, 2 नए टैक्स वसूलने की तैयारी में MCD

नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आमजन को अपने आशियाने का निर्माण करने के लिए जेब और अधिक ढीली करनी होगी क्योंकि दिल्ली नगर निगम पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली में भवन निर्माण पर दो तरह के अतिरिक्त शुल्क लागू करने की तैयारी कर रहा है. नक्शे को मंजूर करने के लिए क्षतिपूर्ति और नियामक शुल्क का प्रस्ताव आज होने वाली दिल्ली नगर निगम की मीटिंग में पेश किया जाएगा.

House Ghar Flat

इतना शुल्क लागू करने की योजना

निगम के प्रस्ताव के तहत, 250 वर्ग मीटर तक और इससे अधिक आवासीय प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए शुल्क लागू होगा. पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली में घर व भवन निर्माण के नक्शे की मंजूरी के लिए इस शुल्क का भुगतान करना होगा. इन दोनों ही क्षेत्र में A से H श्रेणी के प्लॉट में निर्धारित सर्किल रेट के हिसाब से क्षतिपूर्ति व नियामक शुल्क देने होंगे.

250 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट में प्रति वर्ग मीटर क्षतिपूर्ति व नियामक शुल्क सर्कल रेट के 0.05 प्रतिशत के हिसाब से देना होगा. वहीं, 250 वर्ग मीटर से अधिक के प्लाटों के लिए 0.10% तक की दर से शुल्क का भुगतान करना होगा. निगम ने औद्योगिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र और कृषि भूमि के हिसाब से भी यह शुल्क प्रस्तावित किए हैं.

A श्रेणी के लिए देना होगा इतना शुल्क

निगम के प्रस्ताव के तहत 250 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट में भवन निर्माण के नक्शे की मंजूरी के लिए A श्रेणी के आवेदकों को 387 रुपये प्रतिवर्ग मीटर देने होंगे. यह सर्किल रेट के 0.05 प्रतिशत की दर से लागू होगा. इस तरह से 250 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट में B श्रेणी के लिए 122.76 रुपये, C के लिए 79.92 रुपये, D के लिए 63.84 रुपये, E के लिए 35.04 रुपये, F के लिए 28.32 रुपये, G श्रेणी के लिए 23.10 रुपये और H श्रेणी के लिए 11.64 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क का भुगतान करना होगा.

इसी तरह से 250 वर्ग मीटर से अधिक के के आवासीय प्लॉटों के लिए भी श्रेणियों के सर्कल रेट के अनुसार 0.10% की दर से दोनों शुल्क जमा कराने होंगे. यह पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली में लागू होगा.

राजनीति हुई शुरू

वहीं, प्रस्तावित नए शुल्क को लेकर दिल्ली में राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी नेता राजा इकबाल सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे छोटे मकान बनाने वाले आम आदमी पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए निगम में सदन के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि लोगों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए ही सभी तरह के फैसले लिए जाएंगे.

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