मोदी सरकार ने चावल एक्सपोर्ट प्राइज दर में की बढ़ोतरी, गैर-बासमती चावल पर लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली | मोदी सरकार ने बासमती चावल और Parboiled Rice का एक्सपोर्ट करने वालों पर एक्शन लेने के लिए दो बड़े फैसले किए हैं. सरकार ने इन चावलों के एक्सपोर्ट पर अब मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस यानी MEP की दर में बड़ा बदलाव किया है. आईए जानते हैं केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कौन सा बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे चावल का एक्सपोर्ट करने वाले टेंशन में आ गए हैं. बता दें कि इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

basmati chawal rice

बासमती चावल एक्सपोर्ट के लिए देने होंगे $1200/ टन

दरअसल, केंद्र सरकार ने बासमती चावल के लिए $1200/ टन का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) लगाया है. यानी इससे कम कीमत पर बासमती चावल का एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकेगा. अगर आपको इस चावल का एक्सपोर्ट करना है तो सरकार द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक राशि अदा करनी होगी, अन्यथा एक्सपोर्ट नहीं कर सकेंगे.

एक्सपोर्ट पर लगेगा 20 फीसदी शुल्क

सरकार ने Parboiled Rice एक्सपोर्ट पर 20% शुल्क लगा दिया है. सरकार के इस कदम का उद्देश्य पर्याप्त घरेलू स्टॉक बनाए रखना और घरेलू कीमतों को नियंत्रित रखना है. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि 25 अगस्त को लगाया गया यह निर्यात शुल्क 16 अक्टूबर 2023 तक जारी रहेगा. इस निर्यात शुल्क के लगा दिए जाने से एक्सपोर्ट करने वाले लोग टेंशन में आ गए हैं. दरअसल, उनका अब एक्सपोर्ट चार्ज का खर्चा और ज्यादा बढ़ गया है.

सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला

भारत ने अब गैर- बासमती चावल की सभी किस्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है. देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर- बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है. पिछले महीने सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और आगामी त्योहारी सीजन के दौरान खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. वहीं, पिछले साल सितंबर में टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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