पंचकूला धरने पर बैठे सरपंचों को नोटिस, अवरोधित हुए रास्ते को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दर्ज

पंचकूला | हरियाणा में ई- टेंडरिंग को लेकर हंगामा मचा हुआ है. वहीं, एसीपी सह कार्यपालक दंडाधिकारी की ओर से सरपंच संघ के नेताओं को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में दो घंटे में सड़क खाली करने को कहा गया है. यह भी कहा गया है कि अगर आप सड़क खाली नहीं करते हैं तो कल सुबह 10 बजे कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराएं. आपको बता दें कि पंचकूला के हाउसिंग बोर्ड में ई- टेंडरिंग को लेकर हरियाणा के सरपंच पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे हैं.

HIGH COURT

हाईकोर्ट ने रोड खाली कराने के लिए निर्देश

पंचकूला-चंडीगढ़ के अवरोधित हुए रास्ते पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर हाईकोर्ट ने डीसीपी पंचकुला को निर्देश दिए हैं. आज रात 10 बजे से पहले पंचकूला चंडीगढ़ अवरोधित रोड़ को खाली कराया जाए. ऐसे अब देखना यह होगा कि सरपंच और प्रशासन में किस तरह से आपसी टकराव देखने को मिलती है.

सरपंचों पर हुआ था लाठीचार्ज

हाल ही में पंचकूला में ई- टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसमें 16 सरपंच गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके अलावा 22 पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं. लाठीचार्ज के बाद सरपंच चंडीगढ़- पंचकूला बॉर्डर पर बैठ गए.

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा लाठीचार्ज के बाद बैठक में निर्णय लिया गया कि फिर से सभी विरोध करने वाले सरपंच चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर बैठेंगे. प्रदर्शन करते हुए सभी सरपंच पुन: पंचकूला चंडीगढ़ बॉर्डर हाउसिंग बोर्ड पहुंचे.

सरपंचों की 5 मुख्य मांगें

  1. राइट-टू-रिकॉल कानून पहले सांसदों और विधायकों पर भी लागू होना चाहिए, नहीं तो सरपंचों पर भी इसे रद्द किया जाना चाहिए.
  2. ई-टेंडरिंग को तत्काल रद्द किया जाए.
  3. संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 अधिकार और बजट सीधे पंचायतों को दिए जाएं.
  4. सरपंचों व पंचों का मानदेय बढ़ाया जाए. सरपंचों का मानदेय कम से कम 25,000 रुपये और पंचों का 15,000 रुपये प्रति माह होना चाहिए. विधायक और सांसद कई लाख रुपए मानदेय ले रहे हैं, नहीं तो सब रद्द कर दिया जाए.
  5. सरपंच का टोल टैक्स माफ किया जाए क्योंकि उनका गांव के कामों के लिए आना- जाना लगा रहता है.

सीएम कर चुके हैं ना

ई टेंडरिंग को रद्द किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं. मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि इस नई व्यवस्था से गांवों में विकास कार्य सुचारु होंगे. साथ ही, पारदर्शिता भी आएगी. उनकी इस नई व्यवस्था की तारीफ हरियाणा दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं.

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