रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी के चलते हरियाणा में 300 अफसरों व कर्मचारियों की नौकरी को खतरा

पंचकूला । हरियाणा में पिछले चार सालों में रजिस्ट्रियों में बरती गई कोताही को लेकर प्रदेश सरकार ने 300 अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है. इन अफसरों को सरकार सस्पेंड तो नहीं करेंगी, लेकिन हरियाणा सरकारी सेवा नियमों के तहत उन पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. हालांकि आखिरी फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ही करना है.

Dushyant Choutala

हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों करनाल, अंबाला, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद व रोहतक के मंडलायुक्तों से रजिस्ट्रियों में बरती गई अनियमितताओं की जांच कर रिपोर्ट तलब की थी. मंडलायुक्तों ने यह जांच रिपोर्ट राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कौशल के पास भेजी. वहां से रिपोर्ट को कंपाइल कर उपमुख्यमंत्री के माध्यम से सीएमओ में चली गई.

हालांकि सरकार का इरादा इन अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित करने का था लेकिन साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई कि अगर इतनी अधिक संख्या में एक साथ अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित किया गया तो कामकाज प्रभावित हो सकता है. इसलिए नियम-7 के तहत इन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इन अफसरों में कुछ जिला राजस्व अधिकारी, अधिकतर तहसीलदार, पटवारी, कानूनगो व रजिस्ट्री क्लर्क शामिल हैं. प्रदेश भर में चार साल में हुई सात- ए की रजिस्ट्रीयो में जितनी भी खामियां मिलीं थीं, उनमें सबसे बड़ी बात सिस्टम में खामी की सामने आई थी.

लाक डाउन के दौरान पिछली बार गुरुग्राम में बड़े पैमाने पर सैक्शन सात- ए के तहत हुई रजिस्ट्रियों में बड़ी गड़बड़ियों के चलते सात अफसरों को निलंबित भी किया गया था. लेकिन बाद में उनको बहाल भी कर दिया गया था, लेकिन उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी है. नियम यह है कि किसी भी तहसील में जब रजिस्ट्री होती है तो तहसील में लगे कैमरे से फोटोग्राफी होती है, लेकिन जांच में यह सामने आया कि कई रजिस्ट्री मोबाइल से फोटो कर की गई है. ऐसे में इस तरह की रजिस्ट्रियों पर सवाल खड़े हुए हैं.

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