लंदन से भारत लौटकर शुरू की UPSC की तैयारी, अब IAS अधिकारी बन महिलाओं का किया उद्धार; पढ़ें संघर्ष की कहानी

रेवाड़ी | यूपी में कुछ समय पहले एक महिला IAS अधिकारी ने महिलाओं के लिए काम करने के अपने तरीके से खूब सुर्खियां बटोरी थीं. उनका एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं उन पर फूल बरसाती नजर आईं. जो चर्चा का विषय रहा. आज हम आपको आईएएस दिव्या मित्तल के बारे में पूरी कहानी बताएंगे. किस तरह उन्होंने सफलता पाई…

IAS Divya Mittal

लंदन में भी किया था काम

दिव्या मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली हैं. उन्होंने 2012 यूपीएससी सीएसई में अखिल भारतीय स्तर पर 68वीं रैंक हासिल की. उन्होंने प्रतिष्ठित आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. बाद में उन्होंने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए किया. दिव्या ने कुछ समय तक लंदन में भी काम किया. जिसके बाद, वह अपने पति गगनदीप के साथ भारत लौट आईं.

2013 में की परीक्षा पास

दिव्या ने 2012 में यूपीएससी पास किया और आईपीएस अधिकारी बन गईं. उन्हें गुजरात कैडर मिला लेकिन वह संतुष्ट नहीं थी. 2013 में उन्होंने दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई. वह आईएएस अधिकारी बन गईं. वह तैयारी करने वालों को अपना फोकस बढ़ाने का सुझाव देती हैं.

ऐसे पाई सफलता

दिव्या ने अपनी सफलता की तरकीब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा कीं. उन्होंने माना कि तैयारी के दौरान फोकस न खोना उनके लिए आसान नहीं था. लेकिम उन्होंने अपनी कुछ रणनीतियों को अपनाकर इस सब पर काबू पा लिया. दिव्या ने बताया था कि सुबह उठकर पढ़ाई करने के लिए वह अलार्म को अपने से काफी दूर रखती थीं. इसके चलते सुबह अलार्म बंद करने के लिए दूर जाना पड़ता था. इसके बाद, वह 90- 120 मिनट तक गहनता से पढ़ाई करती थीं. फिर 15 मिनट का ब्रेक हुआ.

दिव्या ने फोकस बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करने या बाहर समय बिताने के बारे में भी बात की. उनके अनुसार, कम- से- कम 20 मिनट की सैर, पार्क में जाना, प्रकृति के करीब जाना या वहां कुछ समय बिताने से मदद मिलती है. इसके अलावा, वह हर दिन 5-10 मिनट धूप लेने का महत्व भी बताती हैं. आज वह एक सफल आईएएस अधिकारी हैं. सोशल मीडिया पर वह काफी लोकप्रिय हैं.

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