हरियाणा के किसान यशपाल ने आर्गेनिक खेती में गाड़े सफलता के झंडे, दिल्ली- राजस्थान तक उत्पादों की मांग

रेवाड़ी | हरियाणा की मनोहर सरकार परम्परागत खेती का मोह त्याग कर बागवानी और ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में रेवाड़ी जिले के गांव कंवाली के रहने वाले किसान यशपाल आर्गेनिक खेती कर सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं. कृषि विभाग द्वारा पुरस्कृत यशपाल साल 2014 से जैविक खेती कर रहे हैं. इनके फॉर्म में कृषि विश्वविद्यालय के छात्र भी प्रशिक्षण के लिए आते है जिन्हें वो जैविक खेती की बारिकियों के बारे में जानकारी देते हैं.

Rewari Yashpal Kisan

रसायन रहित खेती को बढ़ावा

आधुनिक तौर- तरीकों से खेती करने में विश्वास रखने वाले यशपाल 40 एकड़ जमीन पर जैविक सब्जियां, अनाज, दाल आदि फसलों का जैविक तरीके से उत्पादन करते हैं. इनकी फसलों की गुणवत्ता बेहद ही लाजवाब है और वे केमिकल रहित खेती कर अपनी फसलों की क्वालिटी में और अधिक इजाफा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कभी उन्होंने तीन एकड़ भूमि पर जैविक खेती की शुरुआत की थी और आज रकबा बढ़कर 40 एकड़ हो चुका है.

जैविक उत्पादों के जरिए बिजनेस

यशपाल के उत्पादों का जलवा सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि राजस्थान और दिल्ली तक पहुंच चुका है. पहले उन्होंने अपने जैविक उत्पादों जैसे सब्जियां, अनाज, दाल, शहद और सरसों तेल और आटे को डोर टू डोर लोगों के घर तक पहुंचाया. बाद में उनके जैविक उत्पादों की मांग ऐसी बढ़ी कि बिजनेस राजस्थान और दिल्ली- एनसीआर के शहरों तक फ़ैल गया.

यशपाल ने बताया कि बिजनेस बढ़ने पर उनकी आमदनी में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि आर्गेनिक खेती से लोगों को जहां बीमारियों से बचाया जा सकता है तो वहीं कम लागत पर अधिक आमदनी की जा सकती हैं. गाजर की खेती में यशपाल ने पूरे हरियाणा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. आज उनकी जैविक खेती का चर्चा इतना है कि कृषि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स यहां ट्रेनिंग लेने के लिए आते हैं. यही नहीं राजस्थान और हरियाणा के किसान भी उनके फॉर्म पर ऑर्गेनिक खेती के बार जानकारी लेते हैं.

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