किसान दिल्ली के बाद इस राज्य को करेंगे टारगेट, 8 मई को करेंगे लॉकडाउन के विरोध मे प्रदर्शन

सोनीपत । कृषि कानून विरोधी आंदोलन में शामिल पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बुधवार को बैठक की. जिसमें उन्होंने लॉकडाउन का विरोध करने का फैसला लिया. बता दे कि जत्थेबंदियों ने इसके विरोध में 8 मई को पूरे पंजाब में बाजार खुलवाने का फैसला लिया है. उन्होंने विरोध स्वरूप व्यापारियों व आमजन से आहान किया कि वे रोजमर्रा के बाजार खोले और काम पर आए. वही इस बैठक की अध्यक्षता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने की. जत्थेबंदियों ने कहा कि आगामी आंदोलन का अंतिम फैसला संयुक्त मोर्चा की 7 मई को होने वाली बैठक में लिया जाएगा.

KISAN METTING

लॉकडाउन की आड़ में सरकार अपनी नाकामयाबी छुपा रही है

बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की, जिसमें विभिन्न जत्थे बंदियों के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्ज गिल, जगजीत सिंह, सतनाम सिंह अजनाला आदि शामिल हुए. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ने में असफल है. सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं व मूलभूत सुविधाएं जैसे ऑक्सीजन, बेड,दवाइयां आदि देने में भी फेल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार धरनों को कोरोना फेलने का कारण बता रही है. लेकिन आंदोलन करने वाले किसानों द्वारा जरूरी सावधानियां बरती जा रही है.

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए व जनविरोधी फैसले लेने के लिए लॉकडाउन लगा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार लॉक डाउन के नाम पर आम आदमी को बर्बाद करना चाहती है. पंजाब में 8 मई को बाजार खुलवाने का फैसला लिया गया है. जिसमें पंजाब की 32 जत्थे बंदियों शामिल होगी. और इसके बाद 10 व 12 मई को पंजाब से बड़े-बड़े जत्थे दिल्ली के सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में शामिल होंगे. वही नेताओं ने कहा कि वे सरकार से बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार हैं.

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