हरियाणा में 25 जून तक मानसून बारिश के आसार नहीं, जानिए! मौसम विभाग द्वारा जारी सलाह

हिसार | जून के शुरुआती दिनों से ही हरियाणा राज्य में मौसम समय-समय पर अपनी करवटें बदलते रहा. महीने के पहले सप्ताह में कई जिलों में बारिश देखने को मिली. बीच के दिनों में मौसम शुष्क भी रहा लेकिन हफ्ते भर पहले राज्य के कई जिलों में प्री मानसून बारिश भी हुई. 19 से 21 जून के बीच हरियाणा राज्य के उत्तर पाश्चिमी व दक्षिण के कुछ एक क्षेत्रों में छिटपुट बूंदाबांदी व हल्की बारिश दर्ज हुईं.

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कृषि मौसम विज्ञान विभाग हिसार द्वारा राज्य में आगामी दिनों के मौसम की स्थिति को लेकर जानकारी साझा की है. मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, मॉनसूनी हवायों के हरियाणा की तरफ आगे बढ़ने के लिए अनुकूल मौसमी परिस्थितियां न बनने तथा मॉनसून टर्फ उत्तर में ऊपर हिमालय की तरफ बढ़ने की संभावना से मॉनसूनी हवायों की सक्रियता अगले चार -पांच दिनों तक न होने की सम्भावना है. जिससे हरियाणा में मौसम आमतोर पर 25 जून तक परिवर्तनशील व खुश्क परन्तु बीच-बीच में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है. इस दौरान दक्षिण पश्चिमी हवाएँ चलने के कारण तापमान में भी हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है.

मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, हरियाणा राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण बंगाल की तरफ से आने वाली नरम मानसून हवाओं की सक्रियता कम हुई है. ताजा मॉनसून अपडेट, मानसूनी हवाओं की दिशा अभी उत्तरी हिमालय (उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) की तरफ है. जिस कारण इन राज्यों में तेज बारिश हो रही है. खास तौर पर उत्तराखंड में मॉनसून असर बड़ी मात्रा में देखने को मिल रहा है.

मौसम आधारित कृषि सलाह

  • मौसम में नमी की अधिकता व बादलवाई लगातार रहने के कारण अगेती नरमा/कपास व सब्जियों की फसल में कीटों व रोगों का प्रकोप होने की संभावना को देखते हुए किसान भाई फसलों की लगातार निगरानी रखें. यदि प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय की सिफारिश दवाइयों की स्प्रे करे.
  • सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करे.
  • ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध कर बिजाई शुरू करे. बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करे.
  • धान की नर्सरी में आवश्यतानुसार सिंचाई व खाद प्रबन्धन अवश्य करे.
  • यदि नर्सरी में पीलापन आये तो 0.5% जिंकसल्फेट, 0.5% फेरससल्फेट व 2.5% यूरिया का घोल बनाकर छिडकाव करे. यह छिडकाव आवश्यकतानुसार 4-5 दिनों के अन्तराल पर दोहरायें.
  • धान में बकानी रोग से बचाव के लिए बचाव के लिए पनीरी को उखाड़ने से 7 दिन पहले 250 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति आधा कनाल नर्सरी क्षेत्र में रेत में मिलाकर पनीरी में एक सार बिखेर दें. पनीरी को खड़े पानी में ही उखाड़ें.
  • धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तैयार कर नमी संचित करे. यदि पानी उपलब्ध हो तो धान लगाना शुरू करे.

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