राष्ट्रपति का मेहमान बनेगा हरियाणा का गौरव, आइडिया लागू हुआ तो नेटवर्क की समस्या होगी खत्म

यमुनानगर । देश के कई हिस्सों में आज भी मोबाइल नेटवर्क की समस्या देखने को मिल रही है और पहाड़ी इलाकों में यह समस्या आम बात है. लेकिन अगर यमुनानगर के इस स्टूडेंट के आइडिया पर काम किया जाएं तो इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पाई जा सकती है. स्टूडेंट के इस आइडिया को इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम में देश के टॉप-60 में शामिल किया गया है . इन सभी 60 स्टूडेंट्स को राष्ट्रपति भवन का मेहमान बनने का मौका मिलेगा. इस दौरान राष्ट्रपति सभी स्टूडेंट्स को सम्मानित करेंगे.

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यमुनानगर शहर के सेक्टर-17 निवासी सातवीं कक्षा के छात्र एस गौरव सिंह के आइडिया पर यदि सरकार व टेलिकॉम कंपनियों ने काम किया तो आने वाले दिनों में नेटवर्क की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकेगा. छात्र गौरव सिंह के आइडिया का राष्ट्र स्तर पर चयन किया गया है. इसके लिए जल्द ही नीति आयोग की ओर से शेड्यूल जारी किया जाएगा.

गौरव फिलहाल डीपीएस स्कूल में नौवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है. सातवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान ही उसने अपना आइडिया भेज दिया था. विगत शाम इसका परिणाम घोषित हुआ है. हरियाणा से केवल चार स्टूडेंट्स का चयन हुआ है जिनमें प्रियम, संचित व कविश फरीदाबाद जिले से है.

बता दें कि छात्र गौरव सिंह ने न्यूरोन( नेटवर्किंग फॉर एंड यूजर एज रिचेबल ऑर्गेनाइज्ड एक्सेस ) मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किया है. दूसरी कंपनी का नेटवर्क लेने के लिए यूजर को अपने मोबाइल में यह एप्लीकेशन डाउनलोड करनी होगी. उस क्षेत्र में सेवा प्रदाता सभी कंपनियों के नेटवर्क सिग्नल स्ट्रेंथ के साथ एप्लिकेशन में दिखाई देंगे. प्रत्येक नेटवर्क के सामने उसका चार्ज भी दिखाई देगा. इस एप्लिकेशन में वालेट की सुविधा उपलब्ध रहेगी. जिसमें यूजर अपनी क्षमता अनुसार बैलेंस रख सकते हैं. जिस कंपनी के नेटवर्क पर बात की जाएगी ,उसका चार्ज वालेट से अपने आप कट जाएगा. प्रति मिनट का चार्ज मात्र कुछ पैसे ही होगा. सरकार व टेलिकॉम कंपनियां चाहें तो इस सेवा को फ्री किया जा सकता है.

14 वर्षीय छात्र गौरव सिंह ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि साल 2018 में वे फैमिली टूर पर उत्तराखंड घूमने गए थे. तब उनके पास जो मोबाइल फोन थे, उनमें से एक में नेटवर्क सिग्नल था जबकि दूसरे में नहीं. तभी उनके मन में विचार आया कि इसके लिए कोई मोबाइल एप्लिकेशन बनाई जाएं.

वहीं इस उपलब्धि पर गौरव की मां ने बताया कि उन्होंने कभी भी अपने बेटे पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला और जिस काम में उसकी रुचि थीं, हमेशा उसमें उसकी मदद की. वहीं डीपीएस स्कूल के चैयरमेन रामनिवास गर्ग व प्रिंसिपल बी. मुरली ने गौरव की इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि गौरव ने स्कूल का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि आज देश को साइंटिस्ट की बहुत जरूरत है जो देश को आगे ले जा सकें.

वहीं इस बारे जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ़ से हर वर्ष राष्ट्र स्तर पर इंस्पायर अवार्ड मानक का आयोजन किया जाता है जिसमें सरकारी एवं गैर-सरकारी स्कूलों के छठी से दसवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स ऐसे आइडिया दें सकते हैं जो देश के लिए लाभकारी सिद्ध हो. लाखों आइडियाज में से केवल 60 का ही चयन किया जाता है.

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