आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन, इस शुभ मुहूर्त पर करें घटस्थापना और मां की पूजा

ज्योतिष | आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे है जो 30 मार्च तक रहेंगे. अच्छे बड़े शुभ योगों में घट स्थापना की जानी चाहिए. अबकी बार पूरे दिन में तीन शुभ मुहूर्त है. बता दें कि नवरात्रों में मां देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्र के 9 दिन खरीदारी और किसी भी काम को करने के लिए अच्छे माने जाते हैं. लगभग हर साल ही नवरात्रि के पहले दिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग पड़ता है.

Navratri Durgastmi

इसकी वजह से घट स्थापना के लिए कुछ ही घंटों का शुभ मुहूर्त निकल पाता है परंतु अबकी बार ऐसा नहीं है. इसलिए सूर्यास्त से पहले तक किसी भी मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं.

अबकी बार मां दुर्गा की 9 दिन कर पाएंगे आप पूजा

अबकी बार तिथियों में भी किसी प्रकार की कोई गड़बडिया नहीं है, जिस वजह से आपको देवी मां की पूजा करने के लिए पूरे 9 दिन मिलेंगे. यह काफी शुभ संयोग है, लगातार दूसरे साल ऐसा हो रहा है. इसी वजह से दुर्गा अष्टमी 29 मार्च बुधवार को होगी और दुर्गा महापूजा और श्री राम नवमी पर्व 30 मार्च गुरुवार को मनाया जाएगा.

आज षेड योग में नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. शंख, हंस, बुधादित्य, कुलदीपक आदि योग का बनना समृद्धि का संकेत है. सूर्य उदय के समय सूर्य के साथ चंद्र, बुध और गुरु यह चारों ग्रह भी एक ही राशि में मौजूद रहेंगे. इनमें से तीन ग्रहों का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होगा, जो काफी अच्छा रहने वाला है. कई सालों के बाद ग्रहों का ऐसा संयोग फिर से बन रहा है.

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

  • सुबह 6:40 से 9:40 तक
  • सुबह 11:15 से दोपहर 12:40 तक
  • दोपहर 3:40 से शाम 6:00 बजे तक

इस प्रकार करें कलश स्थापना

  • सबसे पहले गणेश जी को प्रणाम करें.
  • फिर जहां कलश स्थापित करना है उस भूमि को प्रणाम करें और वहां पर चौकी रखें.
  • उस पर लाल कपड़ा बिछाकर धान रखें और उन्हें प्रणाम करें और धान पर कलश रखे.
  • इसमें शुद्ध पानी और गंगाजल भरे, फिर चंदन, रोली, हल्दी की गांठ, फूल, सुपारी और सिक्का डालें.पत्ते रखकर कलश को ढक दें, कलश स्थापना करे.

इस प्रकार करें नवरात्रि में मां की पूजा

  • हर दिन खुद पर गंगाजल छिडके, दीपक जलाए और तिलक लगाएं.
  • पहले गणेश जी फिर देवी पार्वती कलश और उसके बाद देवी दुर्गा की पूजा करें.
  • हर दिन देवी लक्ष्मी, सरस्वती और कालिका की भी पूजा करें.
  • कुमकुम, चावल, हल्दी, मेहंदी, फूल और इत्र सहित कई चीजों से देवी की पूजा करें.
  • पूजा खत्म होने पर नैवेद्य लगाए, फिर आरती करने के बाद प्रसाद बांटे.

22 मार्च से शुरू होने वाली चैत्र नवरात्रि अखंड रहेगी यानी कि इसमें एक भी तिथि कम नहीं है. इस तरह पूरे 9 दिनों तक शक्ति पर्व होना शुभ संयोग है. अबकी बार देवी मां नौका पर सवार होकर आएगी और हाथी पर विदा होगी. इस तरह देवी का आगमन कष्टों से मुक्ति का संकेत दे रहा है, वही विदाई से इस साल अच्छी बारिश के भी योग बन रहे हैं.

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