HSSC नकल रोकने के लिए कर रही है बड़ी तैयारी, प्रश्नपत्र अब केवल 3D चश्मे से ही पढ़ा जाएगा!

चंडीगढ़ । हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग  (HSSC) मेरिट से चयन करने वाले अपने रास्ते पर आगे बढ़ते हुए अब एक नए विकल्प पर विचार कर रहा है. और यह नया विकल्प है कि प्रश्न पत्र 3D चश्मे से पढ़ा जाए. पेपर लीकेज और नकल को देखते हुए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. अभी इन विकल्पों पर विचार होना बाकी है लेकिन हो सकता है कि अलग-अलग परीक्षाओं के आधार पर अलग-अलग तरीके अपनाए जाएं.

HSSC NEW CHAIRMAN

केवल 3डी चश्मे से पढ़ा जा सकेगा प्रश्न पत्र

आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खत्री ने सूचना देते हुए बताया कि पेपर लीक होने से रोकने और नकल माफिया की कमर तोड़ने को लेकर आयोग विचार कर रहा है कि प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग इस प्रकार करवाई जाएगी कि उन्हें सिर्फ 3D चश्मे से ही पढ़ा जा सके. अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा कि है चश्मा परीक्षा केंद्रों पर ही अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा जिसके द्वारा प्रश्न पत्र पढ़ा जा सकेगा.यह 3D चश्मा जिस भी अभ्यार्थी  के पास होगा सिर्फ वही ही प्रश्नपत्र को पढ़ पाएगा.

एक से चार प्रकार के प्रश्न पत्र भी छपवाये जा सकते हैं

आयोग के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया है कि लिखित परीक्षाओं के लिए जरूरी नहीं एक ही प्रकार का प्रश्नपत्र होगा. परीक्षा की स्थिति को देखते हुए अलग-अलग प्रकार के प्रशन पत्र छपवाये जाएंगे ताकि एक प्रश्नपत्र लीक हो जाने पर तुरंत दूसरे प्रश्न पत्र बिना समय गवाएं बटवाये जा सके. आयोग इस विकल्प पर भी विचार कर रहा है कि 25 – 25 प्रश्नों के चार अलग-अलग सेट हो सके. 25 – 25 प्रश्नों का एक एक प्रश्नपत्र तैयार कर लिया जाए. अभ्यर्थियों को पहले एक 25 से प्रश्नों का प्रश्न पत्र दिया जाए ज़ब अभ्यार्थी उसे  पूरा कर लेंगे  फिर दूसरा रचना पत्र दिया जाए  फिर तीसरा और अंतिम में चौथा प्रश्न पत्र दिया जाए लेकिन इनके लिए ओएमआर शीट एक ही रहेगी.

नहीं बदला जाएगा ऑप्शन

पटवारी, कैनल पटवारी और ग्राम सचिव के फार्म को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने आग्रह किया कि फार्म भरते वक़्त जिन्होंने गलती से गलत कैटेगरी भरदी है इसीलिए उन्हें अपनी गलती सुधारने का एक मौका दिया जाए. लेकिन इस पर आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी ने साफ मना कर दिया उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि एक बार जो केटेगरी भर दी है उसे बदला नहीं जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि ऐसा भर्ती एजेंसी अपने कुछ उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए करते हैं इसलिए फार्म शुरू में ही ध्यान पूर्वक भरा जाना चाहिए.

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