भिवानी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, पुलिस और गौ-रक्षकों में थी सांठगांठ; 3 आरोपी है हरियाणा पुलिस के मुखबिर

भिवानी | हरियाणा के भिवानी हत्याकांड में राजस्थान पुलिस और हरियाणा पुलिस आमने- सामने हो चुकी है. तस्करी के आरोप में राजस्थान में कथित रूप से जलाकर मार डाले गए दो मुस्लिम युवकों जुनैद और नासिर के मामले में नामजद कम से कम तीन आरोपी हरियाणा पुलिस के लिए मुखबिर के रूप में काम करते थे. इसका खुलासा हरियाणा पुलिस के दस्तावेजों से ही हुआ है. हरियाणा के फिरोजपुर झिरका थाने में 14 फरवरी को दर्ज प्राथमिकी में रिंकू सैनी का नाम पुलिस मुखबिर के तौर पर दर्ज है. यह प्राथमिकी हरियाणा के मवेशी वध अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी.

Bhiwani Murder Case Junaid Nasir

प्राथमिकी के अनुसार, नूंह के एगॉन गांव के पास एक पुलिस टीम तैनात थी. जब मुखबिर और गौ रक्षक रिंकू ने सूचना दी कि मवेशी तस्करी में शामिल पांच लोग मवेशियों को एक पिकअप ट्रक में राजस्थान ले जा रहे हैं.

पुलिस के करीबी है आरोपी

जलाकर मार डालने के मामले में नामजद आरोपियों में से कम से कम 3 के हरियाणा के नूंह जिले की पुलिस से करीबी संबंध बताए जाते हैं. ये सभी संदिग्ध पशु तस्करों के बारे में पुलिस मुखबिर का काम करते थे. तमाम छापेमारी के दौरान भी वह पुलिस टीमों के साथ जाता था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात का खुलासा खुद हरियाणा पुलिस के रिकॉर्ड से हुआ है. रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत को नूंह के फिरोजपुर झिरका और नगीना पुलिस स्टेशनों में पिछले दो महीनों में दर्ज कम से कम 4 एफआईआर में मुखबिर के रूप में नामित किया गया है.

भिवानी हत्याकांड में नामजद पांच आरोपियों में थे शामिल

रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत, जुनैद और नासिर की भिवानी हत्याकांड में शुरू में नामजद पांच आरोपियों में शामिल थे. ये सभी गौ रक्षा समूहों से जुड़े हुए हैं. इस प्राथमिकी में बजरंग दल के सदस्य और गुड़गांव में गाय संरक्षण कार्य बल के कार्यकर्ता मोनू मानेसर का नाम भी शामिल है.

राजस्थान पुलिस ने सोमवार को आरोपियों की सूची में 8 और लोगों के नाम भी जोड़े हैं. हालांकि, 14 फरवरी को दर्ज की गई नवीनतम प्राथमिकी में ही हत्या के तीन आरोपियों के साथ हरियाणा पुलिस के करीबी संबंधों का पता चलता है.

सवालों के घेरे में फिरोजपुर झिरका थाना पुलिस

यह प्राथमिकी फिरोजपुर झिरका थाने में 14 फरवरी की रात 10.30 बजे हरियाणा पशु वध अधिनियम के तहत दर्ज की गयी. यह समय जुनैद और नासिर के अपहरण की आशंका से चंद घंटे पहले का है. इस प्राथमिकी में कहा गया है कि नूंह के एगॉन गांव के पास एक पुलिस टीम तैनात थी. जब मुखबिर (जासूस) और गौ रक्षक रिंकू ने सूचना दी कि मवेशी तस्करी में शामिल पांच लोग मवेशियों को एक पिकअप ट्रक में वध के लिए ले जा रहे हैं. ट्रक को राजस्थान की ओर ले जा रहे हैं. इन लोगों को मवेशियों के साथ बेरिकेड्स लगाकर पकड़ा जा सकता है.

छापेमारी के दौरान पुलिस के साथ रिंकू सैनी

प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके बाद बैरिकेडिंग की गई और 10-15 मिनट बाद एक पिकअप ट्रक को रिंकू के कहने पर रोका गया. पुलिस को देख पिकअप ट्रक ने पलटने का प्रयास किया लेकिन ट्रैफिक के कारण ऐसा नहीं हो सका. सहायक उपनिरीक्षक जमशेद की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि चालक और उसके चार साथी ट्रक की खिड़कियों से कूद गए और भागने में सफल रहे. इसके बाद रिंकू ने उन पांचों आरोपियों की पहचान कर ली.

जिस पर हरियाणा गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम, 2015 के साथ ही पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. फ़िरोज़पुर झिरका पुलिस स्टेशन अब जुनैद और नासिर की मौत के मामले में सवालों के घेरे में है क्योंकि रिंकू ने राजस्थान पुलिस को बताया था कि गोरक्षकों द्वारा दो लोगों को मवेशी तस्करी के संदेह में पकड़ा गया था और पिटाई के बाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया था.

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