CBSE: अब किताबें खोलकर परीक्षा दे पाएंगे विद्यार्थी, पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूलों में होगा ओपन बुक एग्जाम

नई दिल्ली | केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र अब किताबें और नोट्स खोलकर परीक्षा दे पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NFC) की सिफारिशों के तहत ओपन बुक एग्जाम (OBE) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसी साल नवंबर- दिसंबर से शुरू किया जा सकता है. हालांकि, ओपन बुक एग्जाम को 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में लागू नहीं किया जाएगा.

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तनाव से बच्चों को मिलेगी राहत

एनएफसी का मानना है कि OBE से छात्रों में परीक्षा के लिए होने वाले अनावश्यक तनाव और चिंताओं से थोड़ी राहत मिलेगी. इस बीच सीबीएसई के निदेशक (एकेडमिक्स) डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने कहा कि अभी ओबीई की स्टडी की जा रही है. इसके बाद, निर्धारित होगा कि इसे कब और कैसे लागू किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट में कुछ स्कूलों में ओपन बुक एग्जाम होगा. सभी पक्षों की तरफ से आकलन करने के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा.

इन देशों में भी होता है ओपन बुक एग्जाम

9वीं- 10वीं कक्षा में गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय व 11वीं- 12वीं में अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान के विषय में ओपन बुक एग्जाम होगा. कुछ प्रमुख देशों में भी ओपन बुक एग्जाम लिए जाते हैं जिनमें नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडनऔर डेनमार्क शामिल हैं.

अमेरिका के लॉ कॉलेज और जर्मनी में एडवांस्ड प्लेसमेंट एग्जाम में इंजीनियरिंग के कोर्स, तो वहीं ऑस्ट्रेलिया में मेडिकल की परीक्षाएं, जबकि ब्रिटेन में इकोनॉमिक्स के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में ओपन बुक एग्जाम होता है. इस पहल के पीछे बोर्ड का लक्ष्य है कि बच्चों में परीक्षा के प्रति पैदा होने वाले तनाव और डर को कम किया जा सके.

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