चिराग योजना से रोशन होगा हरियाणा के गरीब बच्चों का भविष्य: सीएम खट्टर

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी कि सरकार प्रदेश के सभी बच्चों को समान एवं बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश में गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने का समान अवसर प्रदान किया जा रहा है.

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चिराग योजना के तहत निजी विद्यालयों की सहमति से ऐसे बच्चों जिनके माता-पिता/ अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है और वे बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं उनके दाखिले इन निजी विद्यालयों में कक्षा दूसरी से बारहवीं तक किए जाएंगे।.

इतनी मिलेगी राशि

योजना के तहत कक्षा दूसरी से पांचवीं तक प्रति छात्र 700 रुपये, कक्षा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रुपये एवं कक्षा नौवीं से बारहवीं तक प्रति छात्र 1100 रुपये प्रति माह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी वह विद्यालयों को अदा की जाएगी.

प्रदेश में वर्तमान में सभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से बारहवीं तक कोई फीस नहीं ली जाती. वहीं कक्षा पहली से आठवीं तक वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, कार्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग एवं दोपहर का भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है.

सीएम ने कही ये बात

मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि राज्य के इस बजट में अकेले शिक्षा क्षेत्र पर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है. चिराग योजना गरीब माता-पिता के बच्चों के लिए शुरू की गई ऐसी ही एक योजना है. योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों की सहमति से प्रवेश दिया जाएगा. योजना के तहत प्रदेश के 381 निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में 24987 सीटों पर छात्रों को प्रवेश देने की प्रक्रिया जारी है.

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