पंजाब कांग्रेस में चल रही उठापटक का असर हरियाणा पर भी, सैलजा और हुड्डा टकराए

चंडीगढ़ । एक तरफ जहाँ पंजाब कांग्रेस में उठा पटक जारी है वहीं दूसरी तरफ हरियाणा कांग्रेस के दिग्गजों में भी टकराव शुरू हो गया है. ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर राजनीति और ज्यादा गर्मा रही है. हरियाणा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा गठबंधन सरकार के खिलाफ़ ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम के जरिये जो अभियान शुरू करने जा रहे हैं.

kumari selja

उस अभियान के ऊपर हरियाणा की कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सवाल खड़े कर दिए हैं. कुमारी सैलजा ने साफ साफ शब्दों में बोल दिया है कि ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम से हरियाणा कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है. कुमारी सेलजा के इस रुख के बाद हुड्डा खेमा एक बार फिर आक्रामक हो सकता है.

हुड्डा के अभियान पर सैलजा ने उठाए सवाल

कांग्रेस विधायक दल की हाल ही में हुई बैठक में तय किया गया था कि 10 अक्टूबर से प्रदेश भर में ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. CM सिटी करनाल से इसकी शुरुआत होगी. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में असंध के विधायक शमशेर सिंह गोगी भी थे, जिन्होंने कह दिया था कि इन कार्यक्रमों में प्रदेश अध्यक्ष के नाते सैलजा को भी बुलाया जाना चाहिए.

गोगी के इस सुझाव पर तब हुड्डा ने बातों ही बातों में व्यंग्य कसा कि असली कांग्रेस तो आप लोग ही हो. हम तो नकली कांग्रेस हैं. शमशेर गोगी की गिनती सैलजा समर्थक विधायकों में होती है. यह अलग बात है कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा दावा करते हैं कि उनके असंध में चुनाव प्रचार के बाद ही हवा बदली और गोगी विधायक बन गए.

कार्यक्रम कांग्रेस संगठन का नहीं है: सैलजा

बहरहाल, तब के बाद से आशंका जताई जा रही थी कि इस मसले को लेकर कोई न कोई विवाद खड़ा हो सकता है. आखिरकार जो आशंका थी, वह सच निकली. सैलजा ने बुधवार को असंध में गोगी के साथ बैठकर दो टूक कह दिया कि विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम कांग्रेस संगठन का न होकर कांग्रेस से जुड़े लोगों का है. कांग्रेस संगठन जमीनी स्तर पर जनता के हक की लड़ाई लड़ रहा है.

हम कांग्रेसी ही हैं

बता दें कि कुछ दिन पहले तक हुड्डा समर्थक विधायकों ने सैलजा के विरुद्ध मोर्चा खोला हुआ था. हुड्डा समर्थक विधायक चाहते थे कि सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाए, क्योंकि अशोक तंवर की तरह वह भी न तो संगठन बना पाई और न ही विधायकों को साथ लेकर चलती हैं. बाद में हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद हुड्डा समर्थक विधायकों ने सैलजा को हटाने की जिद छोड़ दी थी और वह सामान्य तरीके से संगठन की गतिविधियों में लग गए थे, लेकिन पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच जब सैलजा ने हुड्डा के कार्यक्रम पर ही सवाल उठा दिए तो अब हुड्डा और सैलजा में खींचतान कम होने की बजाय अधिक बढ़ सकती है.

हरियाणा में यह खींचतान इसलिए भी बढ़ती दिखाई दे रही, क्योंकि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद सैलजा समर्थकों को लग रहा था कि हुड्डा पर इसका विपरीत असर पड़ेगा, लेकिन जब नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया और हाईकमान ने उन्हें मनाने का कोई प्रयास नहीं किया तो संदेश गया कि सैलजा की महत्ता भी हाईकमान की नजरों में हुड्डा से ज्यादा नहीं है. हुड्डा के सरकार विरोधी अभियान को लेकर सैलजा की टिप्पणी पर पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने जवाब दिया कि हम सब कांग्रेसी हैं. कोई हमें कांग्रेसी नहीं मान रहा तो यह उसकी पार्टी विरोधी छोटी सोच का नतीजा है. हम कहीं बाहर से नहीं आए.

पंजाब कांग्रेस के साथ-साथ अब हरियाणा कांग्रेस में भी उठा पटक जारी है. कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अब आमने-सामने हैं. इससे आनेवाले कुछ दिनों में हरियाणा कांग्रेस में टकराव की संभावना है.

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