मानसून सत्र में डिप्टी CM ने की बड़ी घोषणाएं, भिवानी-महेंद्रगढ़ हाइवे का जल्द शुरू होगा निर्माण

चंडीगढ़ । CM मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने वालों को तुरंत ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किया जाएगा. उन्होंने कांग्रेस विधायक वरुण मुलाना की ओर से लंबित कनेक्शन पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में यह बात कही थी. CM ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई अपनाने वालों को 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. 

Highway

दरअसल 27 दिसंबर 2018 को घोषणा के बाद चार दिन में ही हजारों लोगों ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन किया. इसके बाद 30 हजार रुपये जमा कराने की बात कही गई, तो 84 हजार लोगों में से 56 हजार ने राशि जमा कराई. उनकी प्राथमिकता राशि जमा कराने वालों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने की है, बता दें प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है. 

भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. लगातार पानी के दोहन के कारण आने वाले समय में जल संकट की स्थिति बन रही है. कई क्षेत्रों में हर वर्ष एक से डेढ़ मीटर तक जलस्तर नीचे है, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय बन रहा है. अगर इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में भारी संकट की स्थिति पैदा हो सकती है. 

PF व ESI जमा न कराने पर दर्ज होंगे मुकदमे

प्रदेश सरकार ने कच्चे कर्मचारियों का शोषण करने वाले ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है. गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को आदेश जारी किए कि जो भी ठेकेदार आउटसोर्सिंग पर भर्ती कर्मचारियों की PF व ESI राशि जमा नहीं करा रहे, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएं. इसके लिए मौजूद धाराओं का इस्तेमाल करें. उनके पास कच्चे कर्मचारियों के शोषण की लगातार शिकायतें आ रही हैं.सरकार जब पूरी राशि दे रही है तो फिर ठेकेदार ESI व PF जमा क्यों नहीं करा रहे? 

भिवानी-महेंद्रगढ़ रोड को दिया जाएगा स्टेट हाईवे का दर्जा

हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने बताया कि भिवानी-महेंद्रगढ़ रोड को स्टेट हाईवे का दर्जा देकर जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए डीपीआर बन चुकी है. डिप्टी CM ने यह जानकारी शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्न के जवाब में दी. भिवानी-महेंद्रगढ़ रोड को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया हुआ है, परंतु अब राज्य सरकार द्वारा इसको स्टेट हाईवे का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को ख़त लिखा गया है. इस पत्र का जवाब आते ही रोड के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. 

इससे पहले सदन के एक सदस्य द्वारा अटेली विधानसभा क्षेत्र की पांच सड़कों को चार मार्गीय बनाने के प्रस्ताव से संबंधित पूछे गए प्रश्न के जवाब में डिप्टी CM ने बताया कि चार मार्गीय सड़कों के लिए आवश्यक न्यूनतम ट्रैफिक मात्रा 18 हजार PCU (पैसेंजर कार यूनिट) प्रतिदिन होती है, जबकि सदस्य द्वारा बताई गई सड़कों की वर्तमान पीसीयू बहुत ही कम है. चौटाला ने कहा कि अगर सदन के सदस्य चाहेंगे कि इन सड़कों का सर्वे दोबारा किया जाए तो विचार करेंगे. इन सड़कों के चार मार्गीय करने के मामले में PCU में कुछ छूट भी दी जा सकती है. 

55 करोड़ से बिछी पीने के पानी की पाइप

अंबाला शहर निर्वाचन क्षेत्र में अमृत योजना के तहत पीने के पानी के लिए भूमिगत पाइपलाइनों के बिछाने के लिए 2017 में 55.03 करोड़ रुपये का कार्य आवंटित किया गया था, जो अब पूरा हो चुका है. यह जानकारी हरियाणा विधानसभा में चल रहे सत्र के दौरान शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने सदन के पटल पर रखे लिखित उत्तर में दी है. 

लिखित जवाब में बताया गया है कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) भारत सरकार की एक प्रमुख परियोजना है, जिसके अंतर्गत हरियाणा की 18 पालिकाओं को शामिल किया गया है. हरियाणा राज्य के लिए भारत सरकार द्वारा 2565.74 करोड़ रुपये का स्टेट एनुअल एक्शन प्लान ( SAAP) अनुमोदित किया गया था. इस परियोजना के अंतर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों पर 1814.13 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.  

जहां ITI नहीं, वहां खोले जा रहे नए संस्थान 

राज्य के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता उन सभी विकास खंडों में नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की है, जहां कोई भी राजकीय ITI नहीं है. विधायक धर्मसिंह छौक्कर द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए शर्मा ने बताया कि समालखा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के गांव चुलकाना में 250 छात्रों की क्षमता वाले ITI भवन का निर्माण कार्य निजी कंपनी द्वारा किया जाना था. कंपनी द्वारा अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है, इसलिए कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. राजकीय ITI चुलकाना का भवन इंडिया इंफ्रास्ट्रक्टर एंड लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई द्वारा ग्राम पंचायत चुलकाना के साथ बदली गई भूमि पर बनाया जाना था. 

गौरतलब है कि डिप्टी CM चौटाला ने विधानसभा में कहा कि जलभराव से फसल नुकसान होने पर किसानों को गिरदावरी के बाद नियमानुसार क्षतिपूर्ति की जाएगी. जलभराव के क्षेत्र की गिरदावरी करवाई जा रही है. अगर जलभराव से किसी गांव में नुकसान की रिपोर्ट मिलती है तो सरकार मुआवजा भी देगी. 

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