हरियाणा में हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार, पढ़े-लिखे युवाओं को सहनी पड़ रही है ज्यादा मार

चंडीगढ़ । राष्ट्रीय स्तर पर तो युवाओं में बेरोजगारी के आंकड़े बहुत ही डरावने है साथ ही हरियाणा सहित कुछ राज्यों में तो यह स्थिति और भी भयानक है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी( CMIE) जो एक गैर सरकारी संस्था है, की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में प्रत्येक 3 स्नातक युवाओं में से एक बेरोजगार है. कुल संख्या देखे तो 24.80 लाख बेरोजगार है. किसी संख्या में से 19.22 लाख बेरोजगारों की उम्र 20 से 24 साल के बीच है. जो युवा स्नातक है और उससे भी ऊपर की योग्यता रखते हैं उनकी संख्या 6.02 लाख है जो बेरोजगार है. दसवीं से बारहवीं पास बेरोजगार युवाओं की संख्या 18.24 लाख के करीब है.

Berojgari

आपको बता दें कि हरियाणा में 7.14 लाख युवा तो काम की तलाश भी छोड़ चुके हैं. अगर महिलाओं की बात करें तो प्रदेश में 68.8% महिलाएं भी बेरोजगार है. वहीं प्रदेश सरकार का कहना है कि यह आंकड़े गलत है. मौजूदा सरकार का कहना है कि परिवार पहचान पत्र में दिए गए जानकारी के अनुसार 18 साल से 7 साल की उम्र के 8.33 लाख लोग बेरोजगार है. तथा रोजगार पोर्टल के अनुसार 4.10 लाख युवा ही बेरोजगार है.

पढ़े-लिखे युवाओं को सहनी पड़ रही मार

आप सभी जानते ही हैं कि यह बेरोजगारी का चरम है नई नौकरियां नहीं निकल रही इसीलिए सबसे ज्यादा मार पढ़े लिखे युवाओं को सहनी पड़ रही है.

राजस्थान में है सबसे अधिक बेरोजगारी

देश के 3 बड़े राज्य गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की स्थिति अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर है. अगर गुजरात राज्य की बात करें तो वहां 13 स्नातक युवाओं में से सिर्फ एक युवा बेरोजगार है. वहीं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में 9 ग्रेजुएट युवाओं में से ग्रेजुएट युवा बेरोजगार है लैंगिक और वातावरण के आधार पर देखें तो देश में सबसे अधिक बेरोजगारी शहरी महिलाओं के बीच है. देश की हर पांचवी शहरी महिला बेरोजगार है.

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