हरियाणा: लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद हरियाणा में मचा बवाल, सड़कों पर उतर गए किसान 

हरियाणा । उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद किसान फिर से भड़क गए हैं और हरियाणा के किसान अब सड़कों पर उतर गए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद हरियाणा में किसान जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. जींद में जहाँ किसानों ने रोड़ जाम कर दिया था, वहीं चरखी दादरी में किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले. 

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संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान के बाद दादरी में किसान संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया. इसके बाद जब वह उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरने देने के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए रास्ते में बैरिकेड लगा दिए, लेकिन किसान बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस आए. वहीं गोहाना में किसानों व सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन कर उतर प्रदेश सरकार का पुतला फूंक कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. 

क्या है मामला? 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. किसान संगठन ने गंभीर आरोप लगाए हैं, संयुक्त किसान मोर्चा ने तो दावा किया है कि एक किसान की गोली मारकर हत्या की गई है. 

किसान संगठन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, ”केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का काफ़िला, कथित तौर पर उनके बेटे, चाचा और अन्य गुंडों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया. एक की हत्या कर दी. इस घटना में कम से कम तीन किसान शहीद हो गए और लगभग 10 अन्य घायल हो गए.” आगे कहा गया है कि SKM मांग करता है कि गृह राज्य मंत्री और उनके लोगों पर तुरंत हत्या का मामला दर्ज किया जाए. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए.

प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों पर एक क्रूर और अमानवीय हमले में भाजपा के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, उनके बेटे, उनके चाचा और अन्य गुंडों से जुड़े वाहनों के काफ़िले ने कई प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया. 

बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने एक किसान की गोली मार कर हत्या कर दी. इस घटना में कम से कम दो अन्य किसानों की भी मौत हो गई और करीब दस अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

सगंठन की तरफ से कहा गया है कि खबर है तराई किसान संगठन के नेता और SKM नेता तजिंदर सिंह विर्क भी घायल हुए हैं. मृतकों और घायलों के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है. इस क्रूर हमले के बाद किसानों को जवाबी कार्रवाई के लिए उकसाया भी गया और भाजपा नेता के वाहनों को तोड़ दिया गया. संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार अजय मिश्रा की तरफ से शामिल सभी लोगों के खिलाफ हत्या के आरोपों के साथ तुरंत मामला दर्ज करें. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए. इसके अलावा SKM ने ये भी दावा कर दिया है कि आज के बवाल में कुल चार किसानों ने अपनी जान गंवाई है.

SKM ने उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं को राज्य के किसानों को ललकारने से रोकने की भी चेतावनी दी है. एक आपात बैठक के बाद SKM द्वारा अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा किए जाने की उम्मीद है. इस बीच SKM के कई नेता अलग-अलग जगहों से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं.

गौरतलब है पिछले 1 साल से किसान आंदोलन चल रहा है. इस दौरान कई बार हिंसा हुई है और कई बार शांतिप्रिय आंदोलन भी हुआ है. दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा को भुलाया नहीं जा सकता. किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. जबकि सरकार चाहती है कि ये कानून बने रहें. ताकि किसानों को फायदा हो इस बीच कोई भी फैसला नहीं निकल रहा है. अब आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं ऐसे में किसान उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार को हराना चाहते हैं और मोदी सरकार को करारा जवाब देना चाहते हैं. 

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