हरियाणा CET को लेकर बड़ी अपडेट, बिना मेरिट वाले पास उम्मीदवारों को नही मिलेगा मैन्स में बैठने का मौका

चंडीगढ़ | हरियाणा CET में क्वालीफाई हुए सभी उम्मीदवार जो मेरिट में नहीं है, काफी समय से मांग उठा रहे थे कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए. वहीं, दूसरी तरफ सरकार का ऐसा कोई मूड नहीं दिख रहा है. इस मामले में हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार ने कहा कि ग्रुप सी एवं डी के पदों की भर्ती के लिए के चार गुना आवेदकों को भर्ती के लिए बुलाने का फैसला सरकार ने अधिसूचना के तहत किया है. इसके लिए विधायी शक्तियों का प्रयोग किया गया है.

Haryana Staff Selection Commission HSSC

12 मई को दायर की गई थी याचिका

ऐसे में मांग उठाई गई है कि इस पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जाए. इससे पहले पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न याची पक्ष को अंतरिम तौर पर राहत प्रदान की जाए. 12 मई को ग्रुप सी और डी के पदों के चार गुना उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए बुलाए जाने पर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जो भी आवेदक इस फैसले से प्रभावित हुए थे उन्होंने इस मामले में पुनर्विचार करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

नवीन कुमार व अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने ग्रुप सी व डी के पदों को भरने के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) लेने का फैसला किया था. परीक्षा में क्वालीफाई होने के लिए सामान्य श्रेणी को 50 प्रतिशत अंक और 40 प्रतिशत अंक आश्रित श्रेणी के लिए क्वालीफाइंग अंक निर्धारित किए गए थे. 11 लाख 22 हज़ार 200 आवेदकों ने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया जबकि 7 लाख 73 हजार इस परीक्षा में शामिल हुए. इसके बाद, सरकार ने परीक्षा का परिणाम जारी किया जिसमें दो लाख 92 हजार युवाओं ने परीक्षा पास की.

योग्य आवेदकों को चुनने के लिए सरकार बना सकती है मानक

सरकार ने कहा है कि स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए पदों के 4 गुना उम्मीदवारों को ही बुलाया जाएगा. याची ने कहा कि इस प्रकार नियम बदलकर परीक्षा पास करने वाले अन्य आवेदकों को परीक्षा से वंचित करना उनके साथ अन्याय हैं. हरियाणा सरकार ने इस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि जब युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया था तो उन्हें अधिसूचना के सभी नियमों के बारे में ज्ञान था. इसके साथ ही, सरकार को अधिकार है कि वह योग्य आवेदकों को चुनने के लिए स्टैंडर्ड बना सकती है. सरकार का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया से भर्ती जल्दी होगी तथा अनावश्यक याचिकाओं से भी बचाव होगा.

हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

हाई कोर्ट ने सभी पक्ष सुनकर अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार तय करेगी कि उन्हें भर्ती को किस प्रकार करना है. याचिका दायर करने वाले ने सरकार के फैसले में ऐसी कोई कमी नहीं बताई है जो सैवधानिक अधिकारों का हनन करती हो. हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले पर मुहर लगाते हुए इस प्रावधान को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

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