ब्याज दर बढ़ने से महंगी हो गई Home Loan EMI, इस प्रकार कम कर सकते है EMI का बोझ

नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से ब्याज दर बढ़ाने का फैसला सबसे ज्यादा Home Loan लेने वालों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है. रेपो रेट बढ़ने की वजह से अधिकतर बैंकों की तरफ से लोन की ब्याज दरें 2% तक बढ़ा दी गई. इस वजह से Home Loan लेने वाले ग्राहकों को एक तरफ जहां ज्यादा EMI का भुगतान करना पड़ेगा. वहीं, दूसरी तरफ लोन की अवधि भी बढ़ेगी. ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कोई तरीका है, जिससे किस्तों का बोझ कम किया जा सके. आज की इस खबर में हम आपको किस्तो के बोझ को कम करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.

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ब्याज दर बढ़ने के बाद भी नहीं बढ़ेगा EMI बोझ

रेपो रेट बढ़ने का नुकसान बड़े अमाउंट और लंबी अवधि का लोन लेने वालों पर सबसे ज्यादा पड़ा है. यदि आपका होम लोन 50 लाख रूपये है और उसकी 20 साल की किस्ते  है. अब इसके लिए ब्याज दरें 7% से बढ़कर 9.25% हो गई है. एक तरफ जहां पहले आप 38,765 रूपये की ईएमआई भर रहे थे तो अब आपको 45,793 रूपये की एमआई भरनी होगी.

इस वजह से आपके टोटल लोन में तकरीबन 16.86 लाख रुपए की बढ़ोतरी होगी. अब आपको 43.03 लाख रुपए की बजाय 59.90 लाख रूपये का भुगतान करना होगा. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने जानकारी देते हुए बताया कि होम लोन लेने वालों के लिए EMI के बोझ को कम एक बड़ा टास्क साबित हो सकता है क्योंकि अपने मासिक खर्च का एक बड़ा हिस्सा उन्हें एमआई के तौर पर चुकाना पड़ता है.

इसी वजह से आप किस्त के बोझ को जितना कम रखते हैं, उतना ही आपके लिए बढ़िया होता है. जब ब्याज दरें बढ़ रही है तब होम लोन ईएमआई को नियंत्रण में रखने के लिए आंशिक प्रीपेमेंट या लोन प्रीपेमेंट बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. यह ब्याज के बढ़ते बोझ को कम करने में काफी सहायक होगा.

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