हरियाणा में ई-टेंडरिंग को लेकर बोले सरपंच, कहा- मंत्री देवेंद्र बबली का करेंगे विरोध

हिसार | हरियाणा के किसान सरकार की ई- टेंडरिंग योजना का विरोध कर रहे हैं. इसके विरोध में हिसार जिले के सरपंचों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा. सरपंचों ने हिसार मिनी सचिवालय के सामने बैठकर नारेबाजी की. इस दौरान सरपंचों ने पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को चेतावनी देते हुए कहा कि 15 जनवरी को टोहाना में उनका कार्यक्रम है जिसमें हम मंत्री को बताएंगे कि सरपंच कारतूस है या बम. ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंच डीसी को ज्ञापन देने हिसार लघु सचिवालय पहुंचे थे.

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15 जनवरी को होगा मंत्री बबली का विरोध

इस दौरान डीसी के बजाय तहसीलदार हरकेश गुप्ता ज्ञापन लेने पहुंचे. जिसके बाद सरपंचों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने से मना कर दिया और लघु सचिवालय के सामने आधे घंटे तक धरना दिया. इसके बाद, सीटीएम ज्ञापन लेने पहुंचे. 15 जनवरी को बबली का विरोध कर रहे सरपंचों ने कहा कि देवेंद्र बबली ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वह सही नहीं है. न ही उन्होंने अभी तक माफी मांगी है इसलिए टोहाना में 15 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के दौरान पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली का विरोध किया जाएगा.

सरपंचों ने कहा कि मंत्री बनने से पहले देवेंद्र बबली ठेके का काम करता था और उसके रिश्तेदार भी यही काम करते हैं. बैठक में सरपंचों ने संजय दूहन को जिला सरपंच संघ का प्रधान नियुक्त किया है और इस संघ के माध्यम से आगे की रणनीति पर अमल किया जाएगा.

आपको बता दें कि पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और सरपंचों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है. पिछले दिनों देवेंद्र बबली ने हिसार में ई-टेंडरिंग को जायज ठहराया था. इसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सही फैसला बताया गया.

जानें क्या है ई-टेंडरिंग

हरियाणा सरकार ने ई-टेंडर प्रक्रिया लागू की है. सरकार का दावा है कि पंचायतों में होने वाले कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने में यह कारगर साबित होगा. इसके तहत, दो लाख रुपये से अधिक के कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग जारी की जाएगी. फिर अधिकारी ठेकेदार के माध्यम से गांव का विकास कार्य कराएंगे. इसमें सरपंच विकास कार्यों की जानकारी शासन को देंगे. जिसके बाद सरकार ठेकेदार से ई-टेंडरिंग के जरिए विकास कार्य करवाएगी. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के मामले कम होंगे.

इस वजह से हो रहा विरोध

सरपंचों का कहना है कि सरकार की यह ई-टेंडरिंग योजना सरपंचों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग के कारण गांव का समुचित विकास नहीं हो पाएगा. सरपंचों ने कहा कि अगर विकास कार्यों के लिए सीधे सरपंचों को पैसा नहीं दिया गया तो ठेकेदार व अधिकारी अपनी मर्जी से गांव में काम कराएंगे इसलिए गांव के विकास में सरपंचों का कोई हाथ नहीं होगा जिसका जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं. सरपंचों ने पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली पर ई टेंडरिंग की आड़ में कमीशन खाने का भी आरोप लगाया है.

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