हिसार से सामने आया अजीबोगरीब मामला, तीन साल से गायब है एक गली; ढूंढने के लिए पूरे गांव की होगी पैमाईश

हिसार | हरियाणा के हिसार जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक गांव की गली नंबर 493 पिछले तीन साल से लापता है और अब इसे ढूंढने की तैयारियां प्रशासन ने शुरू कर दी है. इस काम के लगभग एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है और इसके लिए फिर से पूरे गांव की चकबंदी कर रिकार्ड दुरस्त किया जाएगा.

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सीएम के जनसंवाद कार्यक्रम में उठा था मामला

बता दें कि पूरा मामला हिसार जिले के गांव सिवानी बोलान से है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हिसार जिले में आयोजित हुएं जनसंवाद कार्यक्रम में प्रभावित ग्रामीणों ने इस मामले को उठाया था. तब उन्होंने प्रशासन से इस मामले का जल्द से जल्द समाधान करने के आदेश जारी किए थे. बताया जा रहा है कि एक पक्ष ने इस गली को अपना प्लाट बताकर मिट्टी डालकर बंद कर दिया था. इस वजह से 70 से अधिक घरों के पानी की निकासी रूक गई और पानी उनके घरों में खड़ा होना शुरू हो गया है.

SDM के आदेश पर निकाला पानी

पानी निकासी का यह मामला तीन साल से हिसार SDM कोर्ट में लंबित था. पिछले दिनों एसडीएम जयबीर यादव ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए सीआरपीसी- 133 के तहत, कार्रवाई करते हुए पहले पानी निकालने के आदेश दिए कि जब तक चकबंदी का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक पानी उसी जगह से निकलवाया जाए, जहां से पहले निकलता था. ऐसे में 2 मई को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में DDPO एससी शर्मा ने पानी निकासी का रास्ता साफ कर प्रभावित घरों को राहत दी थी.

सोमवार से चकबंदी होगी

गांव के सरपंच रोहताश ने बताया कि गांव में 1400 के आसपास मकान है. सोमवार से प्रशासन द्वारा गांव की चकबंदी शुरू की जाएगी और रेवेन्यू रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा. उन्होंने बताया कि गली को एक तरफ से मापते हैं तो दूसरी ओर से कम हो जाती है और दूसरी ओर से मापते हैं तो पहली साइड से कम हो जाती है. जगह घट- बढ़ रही है. इसलिए राजस्व विभाग चकबंदी वाले पत्थर को सेट करके मिलान करेंगे. चकबंदी के बाद प्लाट की निशानदेही हो जाएगी और उसके बाद पता चलेगा कि गली कहां पर है. यह गली आगे सड़क में मिलती है. प्लाट घर की जमीन से कटा हुआ है.

दुरस्त होगा रिकॉर्ड

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कंप्यूटर मशीन से जमीन की पैमाइश की जाएगी. इसके लिए एक नायब तहसीलदार, दो पटवारी और एक सीईओ इस काम में जुटेंगे. चकबंदी के दौरान रकबा रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाएगा तथा किला नंबर इकाई में किया जाएगा. पत्थर के पिलर फिक्स किए जाएंगे. एक मशीन से इस काम को पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लगेगा.

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