प्राइवेट स्कूलों को पछाड़ रहा है हरियाणा का यह सरकारी स्कूल, आसपास के 22 गांवों से पढ़ने आती है लड़कियां

बहादुरगढ़ । हरियाणा में स्थित यह सरकारी स्कूल शहर के नामी- गिरामी प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा है. यहां अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए अभिभावकों में होड़ लगी हुई है. इस सरकारी स्कूल में शहर के निजी स्कूलों का मोह त्याग कर भी लड़कियां पढ़ने आती है. बता दें कि इस स्कूल में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक इंग्लिश मीडियम से पढ़ाया जाता है. जिसके चलते प्राइवेट स्कूलों को भी यह सरकारी स्कूल पीछे छोड़ रहा है.

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जी हां, बहादुरगढ़ के नूना माजरा का यह सरकारी स्कूल शिक्षा के नए आयाम स्थापित कर रहा है. बीते छह साल में यहां छात्राओं की संख्या दोगुनी हो गई है. यह सब विद्यालय के प्रधानाचार्य की सोच और शिक्षकों की कड़ी मेहनत की बदौलत संभव हो पाया है. शिक्षकों की कड़ी मेहनत और लगन ने स्कूल की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल दी है. स्कूल में सुविधाएं ऐसी है जो देखते ही बनती है. स्कूल की दीवारों पर सजी खुबसूरत पेंटिंग हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. स्कूल में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है.

प्रिंसिपल राजबीर सिंह ने नूना माजरा गर्ल्स स्कूल में ज्वाइन करने के बाद वर्ष 2015-16 में अपने स्तर पर ही पहली से दसवीं तक इंग्लिश मीडियम से शिक्षा देने का निर्णय लागू कर दिया. उन्होंने स्वयं स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए 8 सीसीटीवी कैमरे लगवाए. स्वीपर की व्यवस्था भी स्टॉफ द्वारा पैसे एकत्र कर की गई है. यहां 29 अध्यापक समर्पित भाव से छात्राओं को शिक्षा दे रहे हैं. स्कूल में 11वीं व 12वीं की छात्राओं के लिए आर्ट्स के अलावा कॉमर्स व साइंस संकाय भी उपलब्ध है. यहां 9वीं कक्षा से दो वोकेशनल सब्जेक्ट (इंफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी व रिटेल) भी उपलब्ध हैं.

स्कूल का शानदार परीक्षा परिणाम

पिछले साल यहां की सात छात्राओं ने 500 में से 500 नंबर लेकर इतिहास रच दिया. साल 2019-20 में बारहवीं कक्षा की 53 छात्राओं में से 15 ने मैरिट सूची में जगह बनाई. वहीं दसवीं कक्षा में भी 75 में से 35 छात्राओं ने बोर्ड मैरिट हासिल की. बीते साल के परीक्षा परिणाम में अंकिता नाम की लड़की ने बारहवीं में 97.2% अंक हासिल किए. जबकि निधि समेत 7 छात्राओं ने दसवीं कक्षा में 100% अंक लेकर इतिहास रचा.

मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत

प्रधानाचार्य राजबीर सिंह लाकड़ा ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों से मुकाबला करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति से काम करने की जरूरत है. कम्पिटीशन के युग को देखते हुए हमने अपने स्तर पर यहां इंग्लिश मीडियम से शिक्षा शुरू कराई. स्कूल में स्मार्ट क्लास के जरिए भी पढ़ाया जाता है. आज आसपास के 22 गांवों के अलावा बहादुरगढ़ शहर की कालोनियों से करीब 600 लड़कियां यहां शिक्षा ग्रहण कर रही है. उन्होंने बताया कि लडरावन गांव यहां से विपरित दिशा में है, लेकिन वहां से भी तीन छात्राएं यहां पढ़ने आती है. आज यह विद्यालय अन्य सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है.

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