होलिका दहन के दिन भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां, संतान पर पड़ता है ये बुरा प्रभाव

नई दिल्ली । फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का शुभ त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त में करना बेहद आवश्यक माना जाता है क्योंकि शुभ मुहूर्त में किया गया काम शुभ फल देता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका की पूजा करने से जीवन की सारी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. इस साल होलिका दहन वीरवार 17 मार्च को किया जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि होलिका दहन के दिन अशुभ कार्यों से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि होलिका दहन के दिन किन कामों से दूर रहना चाहिए.

holika dahan

होलिका दहन के दिन ना करें ये गलतियां

बता दें कि होलिका दहन की जलती हुई चिता का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में होलिका दहन की जलती हुई अग्नि को नए शादीशुदा जोड़े के लिए देखना अशुभ माना गया है. माना जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की मुश्किलें झेलनी पड़ती है.

होलिका दहन के दिन किसी भी व्यक्ति को उधारे पैसे नहीं देने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती और आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ सकता है. माता-पिता की इकलौती संतान को कभी भी होलिका में आहुति नहीं देनी चाहिए. दरअसल इसे अशुभ माना जाता है. अगर दो बच्चे हैं तो होलिका की अग्नि को जला सकते हैं.

होलिका दहन के लिए भूलकर भी आम, पीपल और बरगद की लकड़ी का इस्तेमाल न करें क्योंकि ऐसा करने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. होलिका दहन के लिए गूलर और एरंड की लकड़ी शुभ मानी जाती है. होलिका दहन के दिन भूल से भी किसी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए. इस दिन माता-पिता का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है.

होलिका दहन शुभ मुहूर्त

होलिका दहन 17 मार्च, वीरवार के दिन किया जाएगा. होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगा. इसके अगले दिन यानि शुकवार 18 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी.

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