Malmas 2023: आज से शुरू हुआ मलमास का महीना, भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें ये काम

ज्योतिष, Malmas 2023 | हिंदू धर्म में मलमास के महीने का बेहद महत्व है. आज से इस महीने की शुरुआत भी हो चुकी है जो 16 अगस्त तक जारी रहने वाला है. मलमास के महीने को अधिक मास या पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. मलमास के महीने में शादी- विवाह और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. इस दौरान भगवान विष्णु भी योग निद्रा में रहते हैं. इस महीने में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है.

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हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्रमास के 32 महीने होते हैं और सौरमास के 33 महीने होते हैं. इस वजह से हर 3 साल में दोनों के बीच 1 महीने का अंतर आ जाता है, इसे ही अधिक मास कहा जाता है.

क्या होता है अधिकमास

हिंदू नव संवत्सर के हिसाब से इस साल 13 महीने होने वाले हैं. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, हर 3 साल में एक बार अधिकमास का महीना आता है. बता दें कि साल 365 दिन और 6 घंटे का होता है जबकि चंद्रमा 354 दिनों का होता है. ऐसे में दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है. हर साल घटने वाले इन 11 दिनों को जोड़ा जाए, तो एक पूरा महीना बन जाता है. इस अंतर को खत्म करने के लिए ही चंद्रमा हर 3 साल में एक बार अस्तित्व में आता है और इसी वजह से अधिक मास आता है.

भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का है विशेष महत्व

अधिक मास के महीने को भगवान को समर्पित माना जाता है. इस महीने आप यदि भगवान विष्णु के साथ- साथ उनके अवतार श्रीराम श्री कृष्ण की भी पूजा करते हैं तो आपको विशेष फल प्राप्त होता है. इस महीने भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. इसके अलावा, तीर्थ, गंगा नदी में स्नान, प्रवचन, सत्यनारायण का पाठ और ध्यान करना भी काफी लाभकारी होता है.

इस महीने अवश्य करें ये काम

  • इस महीने पूजा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
  • अधिक मास में आपको सात्विक भोजन करना चाहिए.
  • जितना हो सके अन्न, वस्त्र और जल का दान करें. आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे.
  • पवित्र नदी में स्नान करना भी इस महीने में काफी अच्छा माना जाता है.
  • पूरे महा श्रीमद भागवत गीता और भगवत गीता का पाठ कराना भी काफी अच्छा होता है.
  • इस महीने आपको गरीब और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए, आपको विशेष लाभ होगा.

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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