हरियाणा के इस शख्स ने सरपंची के लिए छोड़ा इंग्लैंड में जमा जमाया बिजनेस, अब बदली गांव की तस्वीर

कैथल | हरियाणा की मनोहर सरकार (Manohar Govt) ग्राम प्रतिनिधियों की मदद से गांवों के सर्वांगीण विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. इसी कड़ी में हम यहां कैथल जिले के गांव प्रेमपुरा का जिक्र करते हैं, जहां सरपंच सतनाम सिंह (Satnam Singh) ने ऐसे काम कर दिखाएं है कि उनकी चर्चा जिले में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में हो रही है. वैसे इस गांव की पहचान यहां से विदेश जाने वाले सबसे ज्यादा लोगों के रूप में होती है.

Kaithal Santnam Singh

एंबुलेंस की फ्री सेवा की शुरुआत

गांव के सरपंच सतनाम सिंह ने अपने निजी कोष से आसपास के दस से अधिक गांवों में फ्री एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की है जो ग्रामीण क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं के साथ गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करती है. इसके साथ ही, गांवों के लोगों को शहरों की तर्ज पर हर हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध कराने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. वह सेवा चाहे स्वास्थ्य संबंधी हो या फिर अन्य रोजमर्रा से जुड़ी तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात हो.

ग्राम सचिवालय के लिए दान की निजी जमीन

गांव में सफाई, सीवरेज, बिजली और पीने के साफ पानी की व्यवस्था चकाचक की गई है. गांव में ग्राम सचिवालय बनाने के लिए जगह नहीं थी तो सरपंच सतनाम सिंह ने अपनी निजी जमीन गांव को दान में देकर ग्राम सचिवालय का निर्माण करवाया. इसी तरह गांव में ई- लाईब्रेरी बनाने का काम शुरू हो चुका है ताकि युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें और उन्हें शहर की भागदौड़ न करनी पड़े.

CCTV कैमरों से लैस है गांव

ग्राम पंचायत ने गांव को स्वच्छ और साफ- सुथरा बनाए रखने के लिए गांव के हर चौक- चौराहे पर कूड़ेदान रखे गए हैं. गांव को हरा- भरा रखने के लिए हर सार्वजनिक स्थल पर पेड़- पौधे लगाए हुए हैं. साथ ही, पूरे गांव में हर गली और कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगा हर गतिविधियों की तीसरी आंख से निगरानी भी की जा रही है.

इसके साथ ही, ग्राम पंचायत द्वारा सरकार और प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ग्राम पंचायत द्वारा किए गए विकास कार्यों को ग्रामीणों खूब पसंद कर रहे हैं. इसके चलते प्रदेश स्तर पर गांव अपनी अलग पहचान बना रहा है. इन सभी कार्यों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जिले की एकमात्र ग्राम पंचायत प्रेमपुरा को सम्मानित किया गया था ताकि इनके कार्यों से जिले की अन्य ग्राम पंचायतें भी सीख ले सकें.

विदेश में जमा जमाया बिजनेस छोड़कर संभाली गांव की चौधर

सरपंच सतनाम सिंह ने बताया कि उनके पिता मुख्तार सिंह सरपंच पद का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पंचायती चुनावों से कुछ महीने पहले एक सड़क हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी. ऐसे में अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने इंग्लैंड में अपना बिजनेस छोड़कर गांव में सरपंच पद का चुनाव लड़ने की ताल ठोक दी. ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिला और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को मात देते हुए गांव की चौधर हासिल करने में सफलता मिली. अब वह उनके पिता ने गांव के सर्वांगीण विकास के लिए जो सपने देखें थे, उन्हें ग्रामीणों और प्रशासन के सहयोग से पूरा करने में लगे हुए हैं.

पिता का वादा किया पूरा

उनके पिता ने ग्रंथि के लिए मकान बनाने का वादा किया था और अब उन्होंने नया मकान बनाकर उसकी चाबी गुरुद्वारे के ग्रंथि को सौंप दी है. जिसकी चर्चा आसपास के क्षेत्र में हर व्यक्ति की जुबान पर बनी हुई है. इसी तरह उन्होंने गांव के विकास के लिए अनेक कार्य करवाए हैं जिसकी न केवल चौतरफा प्रशंसा हो रही है, बल्कि अन्य पंचायतें भी सीख लेकर अपने गांवों को चमकाने में लगी हुई है.

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