हरियाणा के पूर्व CM खट्टर को पटखनी देने की तैयारी में कांग्रेस, करनाल से इन चेहरों पर खेल सकती है दांव

करनाल | हरियाणा की राजनीति में करनाल लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है. 24 घंटे में मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने और फिर 3 दिन के भीतर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां से पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. खट्टर ने अपना चुनाव प्रचार अभियान छेड़ दिया है, लेकिन सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि उनके सामने चुनावी रण में कौन होगा.

BJP Vs Congress INC

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सीधा मुकाबला कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी से ही माना जा रहा है. फिलहाल, कांग्रेस ने हरियाणा में लोकसभा चुनावों के लिए एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. वहीं, राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि करनाल लोकसभा क्षेत्र को लेकर आम आदमी को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने का बेसब्री से इंतजार है. कांग्रेस पार्टी करनाल के लिए 3 चेहरों पर मंथन कर रही है.

बुल्ले शाह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुल्ले शाह पानीपत के रहने वाले हैं और राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि कांग्रेस उन्हें मनोहर लाल के सामने चुनावी रण में उतार सकती है. इसकी पहली बड़ी वजह बुल्ले शाह के परिवार ने पानीपत से 6 विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की हैं और ये सीटें करनाल लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आती है.

दूसरी सबसे बड़ी वजह पंजाबी समुदाय में बुल्ले शाह परिवार का खासा प्रभुत्व रहा है. खट्टर भी पंजाबी समुदाय से आते हैं तो ऐसे में उनका पंजाबी वोटबैंक पर एकतरफा दावा खत्म हो जाएगा. करनाल से ज्यादा पंजाबी वोट पानीपत में है, जिनपर बुल्ले शाह की पकड़ खासी मजबूत है.

कुलदीप शर्मा

हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष रहे कुलदीप शर्मा को लेकर राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि भले ही करनाल लोकसभा क्षेत्र में पंजाबी समुदाय का दबदबा हो, लेकिन ब्राह्मण वोटर्स की संख्या भी कम नहीं है. इसलिए कांग्रेस कुलदीप शर्मा पर दांव खेल सकती है. उनके पिता भी करनाल लोकसभा सीट पर 4 बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में कुलदीप शर्मा को बीजेपी के संजय भाटिया ने बड़े अंतर से हराया था.

वीरेंद्र राठौड़

वीरेंद्र राठौड़ की गिनती राहुल गांधी के करीबियों में होती है. करनाल की राजनीति की समझ रखने वाले संतोष कुमार का कहना है कि राजपूत समाज में बीजेपी के प्रति नाराजगी है, क्योंकि इस समाज से किसी को भी लोकसभा टिकट नहीं दी गई है. ऐसे में कांग्रेस इसे भुनाने के लिए वीरेंद्र राठौड़ पर दांव खेल सकती है. इसके अलावा, कुमारी शैलजा के करीबी अग्रवाल समाज से धर्मपाल गुप्ता का नाम भी चर्चाओं में बना हुआ है.

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