अब मिलेगी पीले और बैंगनी रंग की फूलगोभी, रंगीन गोभी का डेमोस्ट्रेशन रहा सफल, किसानों को मिलेगा मुनाफा

करनाल । सफेद और हरी फूल गोभी तो आप सभी ने देखी और खाई होगी, लेकिन क्या आपने कभी पीले और बैंगनी रंग की फूल गोभी देखी है? शायद नहीं तो अब आपको पीले और बैंगनी रंग की खूबसूरत कलरफुल फूल गोभी भी देखने को मिलेगी. जी हाँ किसान अब सफेद फूल गोभी की तरह पीले और बैंगनी रंग की फूल गोभी भी उगा सकेंगे. वही इस फूल गोभी से स्वास्थ्य लाभ मिलने के साथ किसानो को भी अच्छा फायदा मिलने वाला है.

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दरअसल, इंडो-इजराइल के सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में रंगीन फूल गोभी का डेमोस्ट्रेशन सफल रहा है. इंडो-इजराइल के सहयोग से स्थापित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र घरौंडा विभिन्न तरह की सब्जियों का प्रदर्शन प्लांट लगाता है. जिसमें उसके उत्पादन, गुणवत्ता और खर्च की गणना होती है। यदि प्रदर्शन प्लांट में कोई भी नई सब्जी सफल रहती है तो उसे किसानों तक पहुंचाया जाता है, ताकि कम खर्च में किसान अच्छा मुनाफा कमा सके. बताया जा रहा है सीइवी के आउटलेट पर ये रंगीन गोभी 80 रूपये प्रति किलो बेचीं जा रही है.

सीईवी के विशेषज्ञ डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि रंगीन शिमला मिर्च के चलन पर रंगीन फूल गोभी का डेमोस्ट्रेशन प्लांट लगाया है. क्यूंकि रंगीन शिमला मिर्च की मार्केट में अच्छी खासी डिमांड रहती है. वही अब रंगीन गोभी से भी यही लग रहा है, कि यह लोगो को काफी पसंद आने वाली है. आमतौर पर ये रंगीन फूल गोभी ठंडे इलाकों में उगाई जाती है, लेकिन इसके बीज को सामान्य इलाको के अनुसार तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि किसानों को अब ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढऩे की जरूरत है, क्योंकि उपभोक्ता बिना पेस्टीसाइड की सब्जियां खाना चाहता है और ऑर्गेनिक सब्जी के लिए वह अच्छा दाम भी देने को तैयार है.

किसानो का खर्च और मुनाफा

वही सफेद फूल गोभी की तुलना में रंगीन गोभी में कई गुना अधिक पोषक तत्व होते हैं. जिसके चलते केंद्र के विशेषज्ञ अब किसानों को सफ़ेद फूल गोभी की जगह रंगीन फूल गोभी की खेती के लिए जागरूक करेंगे. डॉ. पुष्पेंद्र ने बताया अगर बात की जाय इसको उगाने में खर्च और फायदे की तो इसकी करीब एक एकड़ में 33 बैड पर 200 से 220 गोभी की रोपाई की जा सकती है. जिसके बाद एक गोभी के फूल का वजन करीब 750 ग्राम से एक किलोग्राम तक का होता है. यदि इसके एक पौधे से एक किलो का फूल मानकर चले तो प्रति एकड़ छह से सात हजार किलो उत्पादन होगा. जिसको 60 या 80 रुपये के हिसाब से भी मार्किट में यदि बेचा जाए तो साढ़े चार से साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा होगा. जबकि खेत में पूरी रोपाई का एक से डेढ लाख रुपये का ही खर्च ही होता है.

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