हरियाणा के सरपंचों ने लिया बड़ा फैसला, गृहमंत्री अमित शाह की रैली में उठाएंगे ये बड़ा कदम

करनाल | सरपंच एसोसिएशन हरियाणा की राज्य स्तरीय बैठक में विभिन्न जिलों के पदाधिकारियों ने ई- टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को वापस लेने के मुद्दे पर करीब तीन घंटे तक कुरुक्षेत्र में मंथन किया. इसमें सरपंचों ने 29 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की गोहाना में प्रस्तावित रैली को विफल करने के लिए इस दिन राज्य भर की सभी ग्राम पंचायतों में सड़कों (राजमार्ग को छोड़कर) को अवरुद्ध करने का निर्णय लिया. इससे पहले शक्ति प्रदर्शन जसिया में 28 जनवरी को होगा.

SARPANCH

बैठक में अन्य व्यक्ति को एंट्री नहीं

सरपंच एसोसिएशन हरियाणा की राज्य स्तरीय बैठक बुधवार को सेक्टर-14 स्थित कृष्णा मंदिर हॉल में हुई. जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से जिला एवं प्रखंड स्तरीय संघ के पदाधिकारियों ने भाग लिया. सभी लोग ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे थे लेकिन आंदोलन को लेकर कई सरपंचों की अलग राय थी. जिसके चलते बैठक में काफी शोर-शराबा हुआ. यही वजह रही कि सरपंचों ने बंद कमरे में बैठक की जिसमें किसी अन्य व्यक्ति को एंट्री नहीं दी गई.

करीब तीन घंटे तक चला विचार-विमर्श

सरपंचों ने कहा कि राइट टू रिकॉल सरपंचों पर ही क्यों लागू किया जा रहा है. पहले इसे सांसद और विधायक पर लागू किया जाए. लोकसभा, विधानसभा, जिला परिषद, ब्लॉक पंचायत और ग्राम पंचायत सभी के अपने-अपने अधिकार हैं तो ग्राम पंचायतों के अधिकारों में कटौती क्यों की जा रही है. हरियाणा सरकार ई-टेंडरिंग के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. इसे तत्काल वापस किया जाए. अधिकारी वैसे भी काम करवाते हैं. करीब तीन घंटे तक चले विचार-विमर्श के बाद तय हुआ कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 जनवरी को गोहाना में रैली करने आ रहे हैं.

अमित शाह की रैली में नहीं होंगे शामिल

इसके लिए 29 जनवरी को सभी सरपंच अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में आंदोलन करेंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग को छोड़कर अन्य सभी संपर्क मार्ग, ग्रामीण मुख्य मार्ग अवरुद्ध रहेंगे. सरपंच अपने-अपने क्षेत्र के लोगों से रैली में शामिल नहीं होने की अपील करेंगे. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री की रैली से एक दिन पहले गोहाना के पास जसिया में प्रदेश भर के सरपंच शक्ति प्रदर्शन करेंगे. प्रदेशभर से सरपंच यहां पहुंचेंगे और वहां रैली करेंगे जिसमें सरपंचों की समस्याओं को रखा जाएगा.

ये लोग रहे मौजूद

ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा. इसके अलावा आगे की रणनीति भी वहीं तय की जाएगी. बैठक के बाद सरपंचों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. इसमें प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सिंह गिल, महासचिव ईसाम सिंह जांबा, रतन सिंह, शमशेर सिंह, चंद्रप्रकाश, संतोष बेनीवाल, संजय सिंह समेत कई जिलों के जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी शामिल रहे.

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