मोदी सरकार की किसानों को बड़ी सौगात, एक्सपोर्ट से होने वाले मुनाफे में किसानों को मिलेगा 50 फीसदी हिस्सा

नई दिल्ली | देशभर के किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. सहकारिता मंत्रालय ने किसानों की तरक्की के लिए नई पहल करते हुए नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के सहयोग से एक्सपोर्ट में म‍िलने वाले फायदे में से 50 फीसदी फायदा किसानों के साथ शेयर करने का ऐलान किया है. केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि NCEL को अब तक 7,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं. शाह ने एनसीईएल का ‘लोगो’ और वेबसाइट जारी करते हुए कहा कि एनसीईएल 15,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पर बातचीत कर रही है.

Fasal Katai Kisan

अमित शाह ने बताया कि NECL को इस साल 25 जनवरी को बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड किया गया था. उन्होंने कहा कि एनसीईएल सहकारी समितियों को वैश्विक निर्यात बाजार का दोहन करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करने वाले उत्पादों का उत्पादन करने में मदद करेगी. देश में करीब 8 लाख सहकारी समितियां हैं, जिसके 29 करोड़ से अधिक सदस्य हैं.

आगे बताया कि NECL सहकारी समितियों के सदस्य किसानों से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी. उन्होंने कहा कि एनसीईएल को निर्यात से मिलने वाले कुल लाभ में से आधा यानि करीब 50 फीसदी सीधे सदस्य किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा. मुनाफा एमएसपी के इतर होगा. उन्होंने कहा, चाहे गेहूं हो, चीनी हो या दुग्ध उत्पाद, किसानों को फिलहाल कुछ नहीं मिलता. एनसीईएल कम से कम 50 फीसदी मुनाफा किसानों के साथ साझा करेगी.

उन्होंने कहा कि NCEL न केवल निर्यात से मुनाफा कमाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, बल्कि किसानों को निर्यात बाजार के लिए उत्पाद बनाने में भी मदद करेगी. उन्होंने कहा कि इससे ब्रांडिंग, पैकेजिंग, गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे के बारे में जागरूक करने, न्यूनतम शुल्क पर उत्पादों के मानकीकरण के लिए मापदंड स्थापित करने में मदद मिलेगी.

निर्यात बाजार में सहकारी समितियों की खराब उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए शाह ने कहा कि वर्तमान में कपास, चीनी और दूध जैसी कुछ वस्तुओं के समग्र उत्पादन में इसके योगदान की तुलना में निर्यात में सहकारी क्षेत्र का योगदान बहुत कम है. हालांकि, सहकारी समितियां चीनी उत्पादन में 30 फीसदी का योगदान देती हैं, लेकिन निर्यात में यह केवल 1 प्रतिशत है. इसी तरह दूध उत्पादन में उनकी हिस्सेदारी 17 फीसदी है, लेकिन निर्यात में यह 2 प्रतिशत से कम है. शाह ने कहा कि निर्यात के लिए एक बड़ा अवसर है.

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