सरकारी स्कूलों में एडमिशन शुरू, स्कूल मुखियाओं को निभानी होगी यें जिम्मेदारियां

पंचकूला । हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में जहां एडमिशन के बाद अधिकतर बच्चों की कक्षाएं शुरू हो चुकी है तो वहीं सरकारी स्कूलों में आज से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है. शिक्षा विभाग ने स्कूल मुखियाओं को आदेश दिए हैं कि ड्राप आउट रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं. इसके साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बच्चों की संख्या का आंकड़ा बढ़ाने वाले मुखियाओं को सम्मानित करने का भी फैसला लिया गया है. इसके साथ ही सख्त हिदायत दी गई है कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या का आंकड़ा घटेगा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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पहली से पांचवीं कक्षा तक का परीक्षा परिणाम पहले ही जारी किया जा चुका है जबकि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा का रिजल्ट सोमवार को घोषित किया गया है. शिक्षा निदेशक ने दाखिला प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से कक्षाएं शुरू कराने के निर्देश दिए हैं. शिक्षा विभाग द्वारा इस साल राजकीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या का आंकड़ा तीन लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

प्राथमिक विद्यालयों में पांचवीं पास करने वाले बच्चों का छठी कक्षा में नजदीकी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एडमिशन कराने की सम्पूर्ण जिम्मेवारी स्कूल मुखियाओं को सौंपी गई है. उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि 12 अप्रैल को ही सभी बच्चों को स्कूल में बुलाकर उनके दाखिला फार्म भरवाए जाए. स्कूल मुखिया ही सभी बच्चों को एक साथ लेकर नए उच्च प्राथमिक विद्यालय में पूरे रिकार्ड के साथ जाएंगे तथा बच्चों की दाखिला प्रक्रिया पूरी करेंगे. आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले बच्चों की दाखिला प्रक्रिया भी इसी तरह रहेगी.

शिक्षा निदेशक ने कहा है कि सबसे ज्यादा ड्राप आउट की संभावना नौवीं कक्षा में होती है और विशेषकर लड़कियों की संख्या का आंकड़ा ज्यादा होता है. ऐसे में उन लड़कियों की पहचान की जाएगी जिनके माता-पिता उन्हें नौवीं कक्षा में पढ़ने से रोकते हैं. 12 से 20 अप्रैल तक नौवीं के सभी छात्र-छात्राओं का दाखिला सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं. सभी डीईओ और डीईईओ को 20 अप्रैल तक बच्चों की एडमिशन रिपोर्ट बनाकर प्रत्येक विद्यालय, खंड एवं जिला स्तर पर उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए गए हैं.

प्रत्येक ऐसा छात्र जिसका स्कूल बदल रहा है, जैसे पांचवीं से छठी में, आठवीं से नौवीं में तथा दसवीं से ग्यारहवीं में, उसके एसआरएन से उसका दाखिला अगली कक्षा अथवा अगले स्कूल में करवाने की जिम्मेदारी पिछले स्कूल को सौंपी गई है.

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