25 करोड़ी हुआ हरियाणा का भैंसा ‘शहंशाह’, हर साल मालिक के लिए कमाता है 1 करोड़ रुपए

पानीपत | दूध- दही का खाना, खेल और खिलाड़ियों की बदौलत देश- दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुके हरियाणा के नाम से आज कौन परिचित नहीं हैं. हरियाणा के दूध और दही जैसे खाने के पीछे की खास वजह यहां पर पाले जाने वाले मुर्रा नस्ल की भैंस व भैंसें है, जिनका डंका पूरी दुनिया में बजता है. यहां पर मुर्रा नस्ल की उच्च किस्म की भैंस की कीमत लाखों रुपए में होती है तो वहीं पशुपालकों द्वारा तैयार किए जाने वाले भैंसें की कीमत लग्जरी गाड़ी से भी ज्यादा होती है.

Buffalo

आप भी जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि एक भैंसा लग्जरी गाड़ी की कीमत से भी ज्यादा वैल्यू रखता है. जी हां, यह बात सौ फीसदी सच है और हरियाणा के इस भैंसा का नाम शहंशाह है. यह दुनिया का सबसे महंगा भैंसा है जिसकी कीमत 25 करोड़ रुपए है. तो चलिए आपको बताते है कि इस भैंसें की कीमत करोड़ों तक कैसे पहुंची.

25 करोड़ का मिला ऑफर

शहंशाह को पाल- पोस कर तैयार करने वाले नरेंद्र सिंह पानीपत जिले के डिडवाड़ी गांव के रहने वाले हैं. नरेंद्र ने बताया कि उसको 25 करोड़ रुपए का ऑफर मिला था लेकिन उसने शहंशाह को बेचा नहीं. शहंशाह को बचपन से ही अच्छी खुराक और उचित देखभाल दी गई है, जिससे उसकी कीमत करोड़ों में पहुंच गई है.

उन्होंने बताया कि शहंशाह के नहाने के लिए स्पेशल स्विमिंग पूल बनाया गया है. हर दिन उसे खास तरह के शैंपू से नहलाया जाता है और उसके बाद आधा किलो तेल से उसकी अच्छे से मालिश की जाती है. शहंशाह स्विमिंग पूल में घंटों मस्ती करता है जिससे उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

हर महीने 50 हजार रुपए खर्च

शहंशाह के मालिक ने बताया कि 15 फीट लंबे और 6 फीट ऊंचे शहंशाह भैंसें पर हर महीने 50 हजार रुपए खर्च होते हैं. उच्च क्वालिटी का आहार, दूध, तेल, बादाम और अन्य पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार उसे हर रोज खाने में दिया जाता है. उसने बताया कि शहंशाह ने पहली बार में ही मुर्रा नस्ल की भैंसों की प्रतियोगिता में ही 3,00,000 का इनाम जीतकर अपनी बादशाहत कायम कर दी थी. इसके बाद, शहंशाह ने कभी पलटकर नहीं देखा और लगातार बुलंदियों को छूता चला गया.

सीमेन से करोड़ों में कमाई

नरेंद्र ने बताया कि उच्च नस्ल का भैंसा होने की वजह से शहंशाह के सीमेन की बहुत अधिक डिमांड रहती है. वो एक महीने में 4 बार उसका सीमेन निकालते हैं. एक बार के सीमेन से 800 डोज तैयार होती है और एक डोज 300 रुपए में बिकती है. इस तरह शहंशाह सालभर में अपने मालिक को लगभग एक करोड़ कमाकर दे रहा है. भारत के अलावा कोलंबिया, वेनेजुएला और कोस्टारिका में भी शहंशाह के सीमेन की बहुत मांग रहती है. वह इसका पालन- पोषण अपने परिवार की तरह करते हैं.

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