प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत के 5 उद्योगों का किया निरीक्षण, लगातार बढ़ रहा है प्रदूषण स्तर

पानीपत | प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही जीआरएपी की गाइडलाइन लागू हो गई. पानीपत का प्रदूषण स्तर गुरुवार को 252 रहा. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमों सहित सीएक्यूएम की टीमों ने उद्योगों का निरीक्षण शुरू किया. इस दौरान सेक्टर 29 के पांच उद्योगों का निरीक्षण किया गया. सभी में बायोमास जलता हुआ पाया गया. उद्यमियों का कहना है कि उद्योग को पीएनजी में स्थानांतरित करने पर तीन गुना अधिक खर्च आएगा इसलिए अब तक 48 कनेक्शन ही हो पाए हैं. सीएक्यूएम ने दिसंबर तक बायोमास लागू किया है. उद्यमियों का कहना है कि रंगाई और छपाई उद्योग बंद होने से कपड़ा निर्यात उद्योग प्रभावित हुआ है.

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इन उद्योगों का किया निरीक्षण

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने आरके इंडस्ट्रीज, गोल्डन टैक्सो फैब, रिवेरा फर्निशिंग सेक्टर-29 सहित कपूर इंडस्ट्रीज, खुशबू एंटरप्राइजेज इंडस्ट्रीज का औचक निरीक्षण किया और इन उद्योगों में बायोमास जलता पाया गया.

सीएक्यूएम टीम अलग से कर रही निरीक्षण

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की टीम पानीपत के सेक्टरों में स्थित उद्योगों का लगातार निरीक्षण कर रही है. सीएक्यूएम की जांच के मद्देनजर जिन उद्योगों के पास पीएनजी कनेक्शन नहीं है और जो बायोमास में स्थानांतरित नहीं हुए हैं उन उद्योगों को बंद कर दिया गया है. इस वजह से डाई प्रिंटिंग का रेट भी बढ़ गया है.

सेक्टर के कुल 48 उद्योग पीएनजी में हुए शिफ्ट

पानीपत के चार औद्योगिक सेक्टर 25 और 29 भाग एक और दो में पीएनजी पाइप लाइन बिछाई गई है. उसके बाद भी 48 कनेक्शन ही हुए हैं. उद्यमियों का कहना है कि पीएनजी पर बॉयलर चलाना तीन गुना महंगा होता जा रहा है.

नहीं बढ़ रही डिलीवरी की समय सीमा

तीन दिन पहले नोएडा में टेक्सटाइल एक्सपो का आयोजन किया गया था जिसमें कई देशों के खरीदार आए थे. पानीपत के निर्यातकों ने विदेशी खरीदारों से निर्यात आदेशों की पूर्ति के लिए समय बढ़ाने का प्रस्ताव रखा लेकिन खरीदार नहीं माने. निर्यातक रमन छाबड़ा ने कहा कि अगर पीएनजी स्थापित करने की समय सीमा नहीं बढ़ाई गई तो पानीपत का निर्यात गर्त में चला जाएगा. जो विदेशी खरीदार यहां ऑर्डर दे रहे थे वे अब चीन, बांग्लादेश जा सकते हैं. हमें सीएक्यूएम की गाइड लाइन को लागू करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए.

वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत ने बताया कि सीएक्यूएम की टीम उद्योगों का नियमित निरीक्षण कर रही है. पानीपत में कोयल पर चल रहा कोई उद्योग नहीं मिला. अधिकांश उद्योग बायोमास का उपयोग कर रहे हैं.

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