हरियाणा के बीजेपी खेमे में बड़ी हलचल, मुख्यमंत्री खट्टर पहुंचे दिल्ली

सोनीपत | हरियाणा में सोनीपत जिले के बरोदा चुनाव को लेकर सरगर्मियां पूरे जोरों शोरों पर हैं. जैसे-जैसे बरोदा उप चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे हरियाणा मे सियासी हलचल बढ़ गई है. हरियाणा के मुख्यमंत्री आज दोपहर 2:00 बजे दिल्ली पहुंचे. आपको बता दें वहां पर बरोदा उपचुनाव को लेकर वह केंद्रीय आलाकमान से बातचीत करेंगे. दिल्ली में होने वाली इस मीटिंग का मुख्य मुद्दा चुनाव प्रत्याशी को लेकर है.

CM WITH AMIT SHAH

बीजेपी ने हरियाणा में पहले ही संकेत दिए थे कि यहां पर बीजेपी और जजपा दोनों पार्टी मिलकर गठबंधन से चुनाव लड़ेगे लेकिन, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि किस प्रत्याशी को बरोदा उपचुनाव के लिए टिकट दी जाएगी. हालांकि यह पहले ही निर्धारित कर लिया गया है कि प्रत्याशी बीजेपी पार्टी का होगा परंतु इस बात पर अभी भी संशय बना हुआ है.

अन्य भी पार्टियाँ देंगी काँटे की टक्कर

जिसको लेकर आज सीएम मनोहर लाल खट्टर दिल्ली के लिए रवाना हुए. बता दे बरोदा उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं. कांग्रेस ने भी चुनावी रण बिगुल बजा दिया है और अन्य पार्टियां भी चुनावी मैदान में उतार गई है. वही बात करें चुनाव की तो इस बार बरोदा उपचुनाव को में कांटे की टक्कर होने जा रही है. देखने वाली बात होगी कि कौन सी पार्टी का प्रत्याशी बाजी मारेगा.

3 नवंबर को आयेंगे नतीजे

बता दे चुनाव आयोग के द्वारा बरोदा उप चुनाव की तिथि 3 नवंबर निर्धारित की गई है. इस दिन बरोदा में अवकाश भी घोषित किया गया है. बरोदा में ही पहले ही आचार संहिता लग चुकी है और चुनाव के परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

विधायक के निधन से है सीट खाली

जैसा कि आप सभी जानते हैं बरोदा चुनाव का मुख्य कारण विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा का इसी साल अप्रैल में निधन हो गया था. जिसकी वजह से यह सीट खाली हो गई थी और इस सीट के लिए दोबारा से चुनाव किया करवाया जा रहा है. नामांकन प्रक्रिया 9 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है जो कि 16 अक्टूबर तक चलेगी.

कॉंग्रेस का पलड़ा लगातार भारी

वैसे देखा जाए तो सोनीपत जिले के बरोदा विधानसभा सीट पर 1967 से लगातार चुनाव हो रहे हैं. अभी तक कुल मिलाकर 13 बार चुनाव हुए हैं. जिसमें से पांच बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है वहीं 2009 से लगातार कांग्रेसी विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा ने तीन बार इस सीट पर अपनी जीत का परचम लहराया है. वह 2009 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीते थे. अब यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस इस सीट को दोबारा से अपने कब्जे में लेती है या फिर किसी अन्य पार्टी के झोली मे यह सीट जाती है.

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