बचपन में पिता का साया उठने के बाद मां ने मेहनत मजदूरी कर पढ़ाया, आज सिरसा की बेटी बनी जज

सिरसा | अपनी मेहनत के दम पर यहां की बेटियों ने बड़ा मुकाम हासिल किया है. सिरसा की चार बेटियों ने कमाल का प्रर्दशन किया है. इतिहास रचते हुए जिले की चार बेटियों ने सिविल सेवा न्यायिक परीक्षा पास कर जज बनने में सफलता पाई है. हरियाणा का नाम रौशन करने वाली मौजदीन गांव की सिविल जज बनीं रेणु बाला ने बताया कि उन्होंने यह सफलता पहले ही प्रयास में हासिल की है.

Renu Sirsa

उनके टीचर गुरविंदर पाल ने परीक्षा को उत्तीर्ण करवाने में बहुत मदद की है. वह अपने सफलता का अधिकतम श्रेय अपने अध्यापक को देती हैं. रेणु ने बताया कि वह उन बच्चों की भी मदद करती थीं जो पैसे नहीं दे पाते थे और उनसे दिन-रात मेहनत करवाई. बचपन में ही इनके पिता का देहांत हो गया था और इनके मामा ने इनका पालन-पोषण किया था. जिसकी वजह से वह आज इस मुकाम तक पहुंच पाई है. उन्होंने अन्य लड़कियों को भी मन लगाकर पढ़ाई करने और आगे बढ़ने की सलाह दी. वहीं, रेणु की मां गुरमीत कौर ने बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर की.

रेणु के मामा ने की काफी मदद

रेनू की मां ने बताया कि वह 23 साल की थी जब उन्होंने अपने पति को खो दिया. उसके बाद उनकी उन्होंने मेहनत मजदूरी करके रेनू का पालन पोषण किया. रेणू के मामा ने भी उसकी काफी मदद की.

40हजार लोगों ने दिया एग्जाम

रेणु ने कहा कि 40,000 लोगों ने एग्जाम दिया था. 3,000 ने मेंस क्लियर किया. 400 लोगों को इंटरव्यू में बुलाया था. कुल 265 सीटें थीं मगर 122 कैंडिडेट्स को ही चुना गया. उनका कहना है कि एक पल उन्हें लगा कि शायद वह इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाएंगी. मगर उन्होंने पहले ही मन में सोच लिया था कि वह जज बनकर ही रहेंगी. उसके बाद उनका इंटरव्यू अच्छा गया और वह पास हो गई. उनके गांव और रिश्तेदारों में खुशी की लहर है.

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