झज्जर के छोरे ने विदेश में रचा इतिहास, इंग्लैंड की राजनीति में हरियाणवियों का दबदबा

झज्जर | हरियाणा के ब्लाक बहादुरगढ़ के रोहित अहलावत ने इंग्लैंड में इतिहास रच दिया है. इधर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता रोहित अहलावत ने परिषद चुनाव जीत लिया है. इंग्लैंड के विभिन्न संसदीय क्षेत्रों से कई भारतीय चुनाव जीत चुके हैं लेकिन अब तक किसी भी हरियाणवी को संसद या परिषद चुनाव जीतने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ था.

Rohit Ahlawat

गांव धांधलान से लंदन तक का राजनीतिक सफर

झज्जर जिले के धांधलान गांव के रोहित अहलावत का घर बहादुरगढ़ में है. वर्तमान में उनके माता- पिता व अन्य रिश्तेदार यहां रहते हैं. रोहित करीब डेढ़ दशक से इंग्लैंड में रह रहे हैं. वह साल में दो- तीन बार अपने घर बहादुरगढ़ आते है. उन्होंने सबसे पहले लोअर आर्ले शहर के हॉकडेन वार्ड से चुनाव लड़ा जो लंदन की सीमा में है. वार्ड लिबरल डेमोक्रेट्स का गढ़ था.

इंग्लैंड की राजनीति में भी हरियाणवियों का दबदबा

रोहित ने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी का पूरे देश में निराशाजनक प्रदर्शन रहा है और पिछली बार की तुलना में उसे 1,000 सीटों का नुकसान हुआ है. सत्ता विरोधी लहर के बावजूद उन्होंने अपने वार्ड में बड़ी जीत हासिल की है. रोहित की जीत में मुख्य रणनीतिकारों में उत्तर प्रदेश के अमित अहलावत, पवन त्यागी, जींद के संदीप अहलावत, गुजरात के राजदीप भट्ट और धवल पटेल, सीमा अहलावत, प्रवीण अहलावत, महाराष्ट्र के विजयंत अहलावत, महाराष्ट्र के प्रसाद कुलकर्णी, भिवानी के बजरंग राठौर शामिल रहे.

चुनाव प्रबंधन में अमित तंवर व जोली राठी, आकाश व अनिल आदि ने अहम भूमिका निभाई. रोहित ने बताया कि उन्हें खुशी है कि गोरों की धरती पर चुनाव जीतने वाले हरियाणवी बन गए हैं. अब निश्चित तौर पर हरियाणा की जनता का विश्वास बढ़ेगा और आने वाले कुछ सालों में इंग्लैंड की राजनीति में भी हरियाणवियों का दबदबा बढ़ेगा.

5 मई को था चुनाव

रोहित अहलावत ने बताया कि उन्हें 5 अप्रैल को टिकट मिला था और 5 मई को चुनाव था जबकि अन्य प्रतिद्वंद्वी दो महीने से चुनाव प्रचार कर रहे थे. लोअर अर्ली शहर में लिबरल डेमोक्रेट सत्ता में हैं. इसी वजह से लिबरल पार्टी चुनाव में अपनी जीत को पक्का मान रही थी जबकि कंजरवेटिव पार्टी ने उन पर जीत का बड़ा दांव खेला था. टिकट मिलने के बाद उन्होंने जमकर प्रचार किया और हर दिन दस किलोमीटर पैदल चले. पूरे वार्ड में तीन बार घर-घर जाकर वोट मांगा. वोटरों ने एंटी- वेव के बावजूद कंजरवेटिव्स के पक्ष में वोट डाले.

रोहित यूरोपीय लोगों के बीच भी लोकप्रिय

रोहित ने दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में हॉकडन वार्ड से चुनाव जीता, जो वर्तमान में लिबरल डेमोक्रेट्स के पास था जबकि पहले यह इलाका कंजर्वेटिव पार्टी का गढ़ हुआ करता था. कंजरवेटिव पार्टी ने गोरे की बजाय भारतीय मूल के रोहित पर दांव लगाया था क्योंकि वह अपने वार्ड में भारतीय मूल के लोगों के साथ- साथ गोरों में भी लोकप्रिय है.

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