बासमती धान की इन किस्मों की 20 जून से पहले करें सीधी बुवाई, कम पानी में मिलेगी जबरदस्त पैदावार

चंड़ीगढ़ | पंजाब- हरियाणा (Punjab & Haryana) सहित कई अन्य राज्यों में धान बिजाई का सीजन शुरू होने वाला है. हालांकि, धान की खेती के लिए अत्यधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन हम आपको यहां धान की उन किस्मों के बारे में जानकारी देंगे, जिनकी सीधी बुवाई कर किसान साथी कम पानी में भी अच्छी पैदावार ले सकते हैं.

peddy dhan

पूसा बासमती PB 1728

यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में उगाई जाने वाली किस्म है. इसकी बिजाई 20 से 22 जून तक की जाती है. किसानों को एक एकड़ में इसकी बिजाई के लिए 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. यह किस्म 25 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से उत्पादन देती है. इस किस्म में बैक्टीरियल ब्लाइट बीमारी से लड़ने की क्षमता पाई जाती है.

पूसा बासमती PB 1886

यह किस्म हरियाणा और उत्तराखंड के लिए अनुशंसित की गई है. इसकी बिजाई 1 जून से लेकर 15 जून के बीच की जा सकती है. यह किस्म एक हेक्टेयर में करीब 50 क्विंटल तक का उत्पादन देती है. बासमती की यह किस्म झुलसा और झौंका रोग के लिए प्रतिरोधी है. इस किस्म की फसल लगभग 155 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

पूसा बासमती PB 1509

अगर किसान साथियों के पास सिंचाई के सीमित संसाधन हैं तो बासमती की यह किस्मत आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है. यह किस्म एक एकड़ में 25-28 क्विंटल तक का उत्पादन देती है. इसके दानों की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है. खास बात यह है कि इसकी रिकवरी बेहद अच्छी होती है. इसकी वजह से यह किस्म व्यापारी की पहली पसंद रहती है. बता दें कि इस चावल की इंटरनेशनल मार्केट में काफी डिमांड रहती है.

पूसा बासमती PB 1401

पूसा बासमती PB 1401 की बिजाई 20 जून के आसपास होती है. इस किस्म में बेमौसम बारिश को भी झेलने की क्षमता होती है. इसकी फसल पकने के बाद गिरती नहीं है. 135 से 140 दिन में पककर तैयार होने वाली यह किस्म प्रति हेक्टेयर 40 से 50 क्विंटल तक पैदावार देती है. इसका दाना पकने के बाद भी एक समान रहता है.

पूसा बासमती PB 1847

पूसा बासमती PB- 1847 जो कि पूसा बासमती 1509 का ही नया संस्करण है. यह किस्म झुलसा और झौंका रोग प्रतिरोधी है, जोकि किसानों द्वारा खूब पसंद की जाने वाली किस्म है. यह एक एकड़ में 25 से 32 क्विंटल तक उत्पादन देती है.

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