HSSC ने हरियाणा पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में इस तरह किया नॉर्मलाईजेशन

चंडीगढ़ । हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा हरियाणा पुरुष सिपाही की लिखित परीक्षा के बाद जिन 38547 उम्मीदवारों को फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए बुलाया है, उनकी परीक्षा का नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल तरीके से किया गया है. आयोग की तरफ से रोल नंबर जारी होने के बाद हर उम्मीदवार यही पूछ रहा है कि नॉर्मलाइजेशन किस तरह किया गया है. आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी द्वारा सूचना दी गई कि आयोग ने इंडियन स्टैटिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता से पूछा था कि हरियाणा पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 8 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने दी है और उन कई शिफ्ट में पेपर हुए हैं तो नॉर्मलाइजेशन की कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाए. इंस्टिट्यूट द्वारा सूचना दी गई कि परसेंटाइल प्रक्रिया ठीक है क्योंकि यह प्रक्रिया जेईई, नीट, रेलवे इंजीनियरिंग इत्यादि मे भी प्रयोग की जाती है. इसके तहत एक फार्मूले के अनुसार परसेंटाइल बनती है और बाद में नॉर्मलाइजेशन की जाती है.

6 शिफ्ट में 24 पेपर से उम्मीदवारों की ऐसे हुई नॉर्मल आईजेशन

परीक्षा में प्राप्त अंक के बजाय परसेंटाइल के अनुसार मेरिट बनी है. आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि उदाहरण के लिए पेपर 1 में टॉपर रहे अ उम्मीदवार के प्राप्तांक 70 थे और पेपर 2 में टॉपर रहे क उम्मीदवार के प्राप्ताँक 75 थे. पेपर 1 में दूसरे स्थान पर रहे ब उम्मीदवार को 65 अंक प्राप्त हुए जबकि दूसरे पेपर में दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार ख को 70 अंक प्राप्त हुए.पेपर 1 में तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार स को 63 अंक प्राप्त हुए जबकि दूसरे पेपर में तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार ग को 63 अंक मिले. अगर प्राप्त अंकों के अनुसार मेरिट बनती तो क उम्मीदवार सबसे ऊपर होता, दूसरे नंबर पर संयुक्त रूप से ख और अ उम्मीदवार होते. लेकिन नॉर्मलाइजेशन के कारण अ और क दोनों उम्मीदवार मेरिट में रहे. इसी प्रकार से अभी 24 पेपरों का परसेंटआइल निकाल कर उन्हें मिला दिया गया और कुल पदों की कैटेगरी के अनुसार 7 गुना उम्मीदवार बुलाने के लिए परसेंटेल के अनुसार 38547 उम्मीदवारों का चयन किया गया है.

परसेंटाइल सबसे कारगर तरीका है

जब आयोग के अध्यक्ष से सवाल किए गए कि 64 अंकों वाले उम्मीदवार को पीएसटी के लिए नहीं बुलाया गया जबकि 60 अंकों वाले उम्मीदवार को बुलाया गया है. इस पर अध्यक्ष ने बताया कि किसी भी उम्मीदवार को उसकी परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंकों के आधार पर फिजिकल के लिए नहीं बुलाया गया है बल्कि परसेंटाइल के अनुसार बुलाया गया है. जब अध्यक्ष से सवाल किया गया कि परसेंटाइल अंकों के साथ साथ उम्मीदवारों के परीक्षा प्राप्तांक क्यों नहीं दर्शाए गए तो भोपाल सिंह ने बताया कि अभी अंतिम परिणाम घोषित नहीं हुआ है इसलिए अभी उन अंको को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. जब अंतिम रिजल्ट आएगा उसके बाद यह अंक भी दर्शा दिए जाएंगे.अध्यक्ष ने जानकारी दी कि जब उमेदवार ज्यादा हो और पेपर को एक से ज्यादा शिफ्ट में करवाना मजबूरी हो तो नॉर्मलआईजेशन प्रक्रिया अपनाकर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है. यह प्रक्रिया पूरे देश में सभी परीक्षाओं में अपनाई जा रही है. इस प्रक्रिया से किसी भी उम्मीदवार को कोई नुकसान नहीं है क्योंकि अलग-अलग शिफ्ट में अलग-अलग कठिनाई स्तर का आना स्वभाविक है.

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