गुरमीत राम रहीम के पैरोल पर अंशुल छत्रपति भड़के, कानून और राजनीति को लेकर दिया ये बयान

चंडीगढ़ | पिछले एक साल में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को चौथी बार पैरोल मिलने पर दिवंगत रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने इसे कानून के साथ खिलवाड़ और देश के कानून का मजाक बताया है. अंशुल ने कहा कि कि डेरा प्रमुख पहले ही अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने ऊपर चल मामलों में जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर चुका है. हालांकि, सीबीआई ने सही तरीके से जांच कर इन मामलों को अंजाम तक पहुंचाया है.

ram rahim

अंशुल ने राम रहीम की पैरोल को बताया कानून का मजाक

अंशुल छत्रपति ने कहा कि कानून ने अपना काम करते हुए बलात्कार और दो हत्याओं के मामले में राम रहीम को सुनारिया जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. अभी भी डेरा प्रमुख पर साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला चल रहा है. बार- बार पैरोल पर बाहर आकर राम रहीम इन मामलों की जांच को प्रभावित कर सकता है. अंशुल ने कहा कि जिस तरह से गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जा रही है, उस से साफ जाहिर है कि सरकार उसके सामने झुकी हुई है. उन्होंने कहा कि राम रहीम को बार-बार पैरोल देना कहीं-ना-कहीं कानून के साथ खिलवाड़ है. यह कानून का मजाक है.

जानें कब- कब जेल से बाहर आया राम रहीम

गौरतलब है कि बीती रोज ही जेल विभाग द्वारा राम रहीम को 40 दिन की पैरोल देने की अर्जी को मंजूरी दी गई थी. कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आया और यूपी के बागपत स्थित आश्रम के लिए रवाना हो गया. बताया जा रहा है कि राम रहीम 25 जनवरी को शाह सतनाम के जन्मदिन के अवसर पर सिरसा डेरा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो सकता है.

इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में भी राम रहीम को 40 दिन की पैरोल दी गई थी. पैरोल अवधि खत्म होने के बाद 25 नवंबर को ही डेरा प्रमुख की वापसी रोहतक की सुनारिया जेल में हुई थी.

खास बात यह है कि 56 दिन बाद डेरा प्रमुख को एक बार फिर से पैरोल मिल गई है. पिछले साल जून में भी राम रहीम को एक महीने की पैरोल मिली थी. पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी डेरा चीफ को तीन सप्ताह की फरलो मिली थी. राम रहीम 7 फरवरी, 2022 को जेल से बाहर आया था और 14 फरवरी को सूबे की सभी 117 विधानसभी सीटों के लिए मतदान हुआ था.

सीएम ने पैरोल पर कही ये बात

मामले में प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि अगर डेरा प्रमुख को पैरोल मिली है तो किसी प्रक्रिया के तहत ही मिली होगी. यह उनका अधिकार है. किसी को पैरोल के मामले में ना हम दखल अंदाजी करते हैं और ना करेंगे. हर व्यक्ति कैदी को पैरोल उसके व्यवहार पर मिलती है. आवेदन करने पर उपयुक्त मिलेगा तो पैरोल मिलेगी अन्यथा नहीं मिलेगी.

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