बैड, वैंटीलेटर, ऑक्सीजन, दवाओं की भारी किल्लत से स्थिति भयावह : दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़ । हरियाणा की कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति के संबंध में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि हरियाणा की वर्तमान स्थिति भयावह है. ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड और दवाओं की भारी कमी है. मुनाफाखोरी और कालाबाजारी चरम सीमा पर पहुंच गई है. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मांग की है कि सरकार कालाबाजारी और मुनाफाखोरी जैसी असामाजिक चीजों पर अंकुश लगाएं. उन्होंने कहा कि लोगों को हॉस्पिटल के चक्कर लगा लगा कर दवाओं, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, बेड आदि के लिए जूझना पड़ रहा है. अमीर लोग तीन चार गुना ज्यादा कीमत दे देंगे, परंतु गरीब लोग कहां जाएंगे? उनकी क्या दुर्गति होगी? जरा यह सोचिए! हर व्यक्ति का संसाधनों पर बराबर का हक है.

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उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा के लोग फोन करके बता रहे हैं कि हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहे हैं, तो किसी हॉस्पिटल में दवाइयां, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि मरीज को रेमडेसीविर चाहिए तो इसके लिए 30 से 70 हजार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं. इतना सब करने के बाद भी जीवन को बचाना कठिन हो रहा है. उन्होंने हरियाणा सरकार से याचना की कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर तुरंत ठोस कदम उठाया जाए और उपचार के इंतजामों में वृद्धि की जाए. उपचार की कमी की वजह से किसी की भी जान नहीं जानी चाहिए.

दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में रेमडेसीविर की भारी कमी पर असंतोष व्यक्त किया है और कहा है कि रोहतक जिले में पिछले दिन 350 डोज की आवश्यकता थी परंतु केवल 25 डॉज ही मिल पाई. अन्य जिलों में भी यही हाल बना हुआ है. हरियाणा सरकार ने रेमडेसीविर के वितरण पर फैसला लेने हेतु हर जिले में चिकित्सकों की एक कमेटी का गठन किया है. अब यह कमेटी सिर्फ कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टरों की मांग पर ही रेमडेसीविर आलोट करेंगी. उन्होंने हरियाणा के नागरिकों से प्रार्थना की कि जो लोग 3 महीने में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो गए हैं, वह कृपया कर अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आए. उनका प्लाज्मा कई जिँदगी बचा सकता है.

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक के बाद एक दुखद मृत्यु हो रही है. लेकिन इन जानों को बचाया जा सकता था. अब न्याय की बात यह है कि इसकी जिम्मेदारी तय की जाए. देश और प्रदेश सरकारों में उच्च पदों पर बैठे नेताओं को इसका जवाब देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में ऑक्सीजन की आपूर्ति में देरी होने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को पारदर्शिता के साथ जनता को जवाब देना पड़ेगा.

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