हरियाणा के निजी कॉलेजों के 1600 कर्मचारियों को झटका, वित्त विभाग ने ग्रेच्युटी पर लिया ये निर्णय

चंडीगढ़ | हरियाणा के 97 सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों के 1,600 कर्मचारियों को वित्त विभाग ने झटका दिया है. नई पेंशन योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है. सरकार ने डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी का लाभ देने से इनकार पूर्ण रूप से इंकार दिया है. उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले साल दिसंबर में वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा था लेकिन बाद में इसे इस टिप्पणी के साथ वापस भेज दिया कि एनपीएस के तहत आने वाले सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के कर्मचारियों को कवर नहीं किया जा सकता है.

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बता दें कि वित्त विभाग सीएम मनोहर लाल के पास है. यह बात तब सामने आई जब उच्च शिक्षा विभाग ने 19 जून को चंडीगढ़ में हरियाणा फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक के मिनट्स जारी किए.

2006 में हुई थी नियुक्ति

ग्रेच्युटी की मांग 97 सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों के लगभग 1600 शिक्षण और गैर- शिक्षण कर्मचारियों से संबंधित है, जिन्हें 1 जनवरी 2006 के बाद नियुक्त किया गया था. जब राज्य में एनपीएस लागू किया गया था. पुरानी पेंशन योजना के तहत, कर्मचारी मिलने वाले लाभ की उम्मीद कर रहे थे.

एचटीसीए ने जताई आपत्ति

हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने इसे अन्यायपूर्ण फैसला बताया है. एचसीटीए के अध्यक्ष दयानंद मलिक ने कहा कि 2004 में केंद्र और 2006 में हरियाणा सरकार द्वारा एनपीएस में सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी का कोई लाभ नहीं दिया गया था लेकिन केंद्र ने अगस्त 2016 में सभी कर्मचारियों को लाभ बहाल कर दिया. राज्य सरकार ने 2017 में इस आदेश का पालन किया लेकिन सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों के कर्मचारियों को इस फैसले में शामिल नहीं किया गया.

कर्मचारियों की उम्मीदें टूटी

सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी की मांग 97 सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेजों के लगभग 1600 शिक्षण और गैर- शिक्षण कर्मचारियों से संबंधित है, जिन्हें 1 जनवरी 2006 के बाद नियुक्त किया गया था. जब राज्य में एनपीएस लागू किया गया था.

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