हरियाणा रोजगार निगम के कच्चे कर्मचारियों के लिए पक्का होने का रास्ता बंद, जानिए वजह

चंडीगढ़ | हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) के अंतर्गत कार्य कर रहे कर्मचारी पक्के नहीं हो सकेंगे. वित्त विभाग ने कच्चे कर्मियों के लिए नौकरी नियम बनाने का बेहद कड़ा मसौदा 22 अप्रैल 2022 को मुख्य सचिव को भेज दिया है. जैसे ही यह मसौदा अंतिम रुप लेगा कर्मचारियों के पक्के होने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे. कर्मचारी नियमित होने के लिए कोर्ट में भी नहीं जा पाएंगे. ना ही कर्मचारियों को समान काम समान वेतन का लाभ मिलेगा. इन कर्मचारियों के पद भी सरकारी विभागों के कर्मचारियों जैसे नहीं होंगे.

Haryana Kausal Rojgar Nigam HKRN

हरियाणा सरकार द्वारा इस निगम का गठन तो छोटे कर्मचारियों को ठेकेदारों के शोषण से बचाने के लिए, कार्य में पारदर्शिता लाने, खर्चे को कम करने, ईपीएफ, ईएसआई आदि जमा करवाने के लिए किया गया था. लेकिन, नौकरी के नियम इतने कड़े बनाए जा रहे हैं कि निगम के कर्मचारियों को वेतन आयोग या अन्य लाभ नहीं मिल पाएंगे.

कर्मचारियों के पक्का होने का रास्ता बंद

जिन पदों पर यह कर्मचारी काम करेंगे उन सभी पदों को सरकारी विभाग में खत्म करने का प्रावधान है. बाजार के नियमों के अनुसार, इन कर्मचारियों से काम सरकार लेगी. निगम के पदों के नाम, रोल नंबर, ड्यूटी, जिम्मेदारी आदि रेगुलर कर्मचारियों के पदों से अलग होगी. इन्हें कुशल अर्धकुशल पदनाम ही दिए जाएंगे. जिससे यह समान काम समान वेतन के लिए भी मांग नहीं कर पाएंगे. वित्त विभाग ने मुख्य सचिव कार्यालय को सुझाया है कि यदि कुछ बदल सरकारी विभाग की तर्ज पर बनाए गए हैं तो उन्हें अभी ठीक कर दिया जाए.

1 लाख कर्मियों को निगम में लाने का लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य है कि लगभग 1 लाख कर्मचारियों को रोजगार कौशल निगम में लाया जाए. वित्त विभाग का मानना है कि अगर यह कर्मचारी भी पक्के हो गए तो वेतन, भत्तो रिटायरमेंट आदि का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा. इस साल से केंद्र सरकार जीएसटी में राज्य का हिस्सा भी नहीं देगी. इसीलिए मसौदे को ध्यान में रखते हुए नौकरी नियम बनाएं. सरकारी स्तर पर कमेटी बनाई जाए तो यह निगरानी की जाए कि कर्मचारी श्रम कानूनों या औद्योगिक विवाद एक्ट के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सके. नियम बनाने में महाधिवक्ता से कानूनी राय भी अवश्य ली जाए.

23 हज़ार ने ज्वाइन किया

कौशल रोजगार निगम के तहत अब तक 45 हज़ार मौजूदा अनुबंध कर्मचारियों की नौकरी के लिए ऑफर लेटर दिए गए हैं. इनमें से 23 हजार से ज्यादा ने ज्वाइन कर लिया है. स्वास्थ्य विभाग से निगम के पोर्टल पर 11235 उम्मीदवारों को पोस्ट किया गया है. निगम के माध्यम से तैनाती की पेशकश की गई है. इनमे से 7936 ने ज्वाइन भी किया है. निगम के जरिए 260 विभागों,बोर्ड, निगमों को अनुबंध आधार पर रोजगार सेवाएं उपलब्ध कराए जाएंगी.

नहीं कर सकेंगे कोई दावा

तैयार ढांचे के अनुसार भर्ती की प्रक्रिया, तरीका व योग्यता ऐसे रखी जाएगी कि कोई पक्की नौकरी की समानता के आधार पर नियमितीकरण, समान वेतनमान या किसी अन्य भत्ते के लिए दावा नहीं कर पाएंगे. विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कच्चे कर्मचारी लगाकर उन्हें पक्का करने की प्रक्रिया बैक डोर एंट्री है. इसीलिए इन कर्मियों को नियमित करने का कोई भी रास्ता नहीं छोड़े. राज्य में लगभग तीन लाख पक्के कर्मचारी हैं, जिनका वेतन देने के लिए 3000 करोड़ मासिक खर्च आता है.

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