हरियाणा की मनोहर सरकार में पहले से अधिक पॉवरफुल हुए चेयरमैन, गनमैन- गाड़ी सहित कई बड़ी मांगों पर मिली मंजूरी

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चेयरमैनों की ताकत में इजाफा करते हुए उन्हें और अधिक पॉवरफुल बना दिया है. बता दें कि मंगलवार को गोहाना नगर परिषद चेयरपर्सन रजनी इंद्रजीत विरमानी के नेतृत्व में नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के चेयरमैनों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और निकाय मंत्री कमल गुप्ता से मुलाकात की थी.

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बता दे इस बैठक में सीएम मनोहर लाल ने चेयरमैनों की कई बड़ी मांगों पर स्वीकृति की मोहर लगाई है. नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्षों को अब अन्य सुविधाओं के साथ गाड़ी, गनमैन और असिस्टेंट की सुविधा भी मिलेगी. जिसके बाद, मीडिया से बातचीत करते हुए रजनी विरमानी ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने उन्हें उम्मीदों से ज्यादा शक्तियां देने का आश्वासन दिया है.

उन्होंने बताया कि चेयरमैनों को नगरपालिकाओं और नगर परिषदों में हर महीने काम करवाने के लिए 15- 20 लाख रुपये खर्च करने का अधिकार दिया जा सकता है. इसके साथ में फाइनेंस, मॉनिटरिंग और दूसरी समितियों में भी चेयरमैनों की शक्तियां बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा, सरकार द्वारा सुरक्षा हेतु गनमैन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी ज्यादातर मांगों पर सहमति जताई है और हम इसके लिए उनका तहदिल से आभार व्यक्त करते हैं.

निकाय एसोसिएशन हरियाणा की अध्यक्ष विरमानी ने बताया कि अब नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में पेमेंट अप्रूवल कमेटियां बनेंगी और इन कमेटियों के अध्यक्ष सम्बद्ध नगर पालिका और नगर परिषद के चेयरमैन और चेयरपर्सन होंगे. अब अधिकारी अपने स्तर पर कोई भुगतान नहीं कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें पेमेंट अप्रूवल कमेटी से अनुमति लेनी होगी. कमेटी के अध्यक्ष उस नगर निकाय के चेयरमैन या चेयरपर्सन होंगे.

उन्होंने आगे बताया कि चेयरमैनों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि चेयरमैन और चेयरपर्सन को ईओ और सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार दिया जाए. सरकार इस बात के लिए भी तैयार हो गई है कि कोई भी पत्राचार अब सीधे अधिकारियों से नहीं होगा. इसे अब अध्यक्षों के माध्यम से ही किया जाएगा.

गोहाना नगर परिषद चेयरपर्सन रजनी ने बताया कि पंचायतों की तर्ज पर नगर पालिकाओं और नगर परिषदों को भी अपने क्षेत्र में स्थित ऐसी धर्मशालाओं की रिपेयर का अधिकार प्रदान किया जाए, जिनकी मल्कियत के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, मुख्यमंत्री के साथ बैठक में चेयरमैनों और नगर पार्षदों का मानदेय बढ़ाने की गुजारिश भी की गई है. उन्होंने कहा कि नई शक्तियों से चेयरमैन और चेयरपर्सन अब जनता की सेवा और बेहतर तरीके से कर पाएंगे.

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