हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों को जल्द मिलेगी खुशखबरी, नियमित करने के लिए नीति बनाने पर विचार कर रही सरकार

चंडीगढ़ | हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों की तरफ से उनकी सेवा को नियमित करने के लिए लगातार मांग की जा रही है. कच्चे कर्मियों की सेवा नियमित करने की मांग को लेकर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने हाई कोर्ट को कहा कि सरकार इस बारे में विचार कर रही है. फिलहाल इस मामले में अभी थोड़ी कानूनी बाधा हैं, जिस वजह से थोड़ा समय लग रहा है. एजी ने हाई कोर्ट से इस बारे में विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.

Punjab and Haryana High Court

नहीं मिल रहा समान वेतन

पानीपत नगर निगम में एक दशक से भी ज्यादा समय से सेवा दे रहे सफाई कर्मचारी कृष्ण लाल व अन्य ने उन्हें नियमित करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में बताया गया कि इतनी लंबी सेवा देने के बाद भी अभी तक उन्हें रेगुलर नहीं किया गया है. कॉन्ट्रैक्ट पर एक दशक से ज्यादा वक़्त से सेवा देने से पहले वें पूर्ण रूप से कच्चे कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे. वह नियमित- कर्मचारियों की तरह सभी तरह के कार्य को पूरा करते हैं, फिर भी उन्हें उनके बराबर वेतन व भत्ते नहीं दिए जा रहे.

याचिकाओं की संख्या में लगातार हो रही है बढ़ोतरी

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने देखा कि निरंतर नियमित करने की मांग को लेकर दाखिल होने वाली याचिकाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है.  सरकारी विभागों, बोर्ड और कार्पोरेशन में कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारी इस मांग को लेकर हाई कोर्ट जा रहे हैं.

ऐसे में हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि कर्मचारियों के लिए सहानुभूति रखते हुए हरियाणा सरकार इन्हें नियमित करने पर विचार करे.  इससे पहले सरकार ने कच्चे कर्मियों को पक्का करने के लिए नीति बनाई थी पर यह नीति हाई कोर्ट ने रद कर दी थी.

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