ई- टेंडरिंग पर हरियाणा में महाभारत: 100 से ज्यादा घायल, 4 हजार सरपंचों पर मामला दर्ज

चंडीगढ़ | ई- टेंडरिंग को लेकर हरियाणा में बवाल मचा हुआ है. पंचकूला में सीएम आवास का घेराव करने जा रहे सरपंचों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसमें 100 से ज्यादा सरपंच घायल हो गए. वहीं, पंचकूला पुलिस ने कल देर रात 4 हजार सरपंचों के खिलाफ आईपीसी की 10 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इधर सरपंचों ने भी चंडीगढ़- पंचकूला बॉर्डर पर ही धरना देने की तैयारी शुरू कर दी है.

Haryana Fight Sarpanch
प्रतीकात्मक तस्वीर

इस तरह चलीं घटनाएं

ई- टेंडरिंग के विरोध में प्रदेश भर के सरपंच सुबह 11 बजे से पंचकूला के शालीमार मैदान में जुटने लगे. दोपहर 1 बजे करीब 5 हजार सरपंच चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए. करीब दो बजे वह शालीमार ग्राउंड से निकले. दोपहर करीब 3 बजे सभी सरपंच हाउसिंग चौक बॉर्डर पहुंचे, जहां चंडीगढ़ मार्च के दौरान सरपंचों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

दो बार विफल रही वार्ता

विरोध कर रहे सरपंचों को जानकारी मिली कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है. इसके बाद, दोपहर साढ़े तीन बजे सरपंचों का प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ के लिए रवाना हुआ. हालांकि, सरपंच बैठक नहीं कर वापस लौट गए. ओएसडी भूपेश्वर दयाल करीब 4 बजे पहुंचे लेकिन बात नहीं बन पाई और वह लौट गए.

करीब दो घंटे के अंतराल में दो बार वार्ता विफल होने के बाद सरपंचों ने अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया. शाम साढ़े चार बजे स्थिति बेकाबू होने पर पंचकूला पुलिस ने विरोध कर रहे सरपंचों पर लाठीचार्ज किया. इसमें 100 से अधिक सरपंच घायल हो गए. रात करीब 11 बजे पंचकूला पुलिस ने सरपंचों के खिलाफ धारा 147/148/149/323/332/353/325/186/188/283 के तहत केस दर्ज किया.

सरपंचों की 5 मुख्य मांगें

  1. राइट-टू-रिकॉल कानून पहले सांसदों और विधायकों पर भी लागू होना चाहिए नहीं तो सरपंचों पर भी इसे रद्द किया जाना चाहिए.
  2. ई-टेंडरिंग को तत्काल रद्द किया जाए.
  3. संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 अधिकार और बजट सीधे पंचायतों को दिए जाएं.
  4. सरपंचों व पंचों का मानदेय बढ़ाया जाए. सरपंचों का मानदेय कम से कम 25,000 रुपये और पंचों का 15,000 रुपये प्रति माह होना चाहिए. विधायक और सांसद कई लाख रुपए मानदेय ले रहे हैं नहीं तो सब रद्द कर दिया जाए.
  5. सरपंच का टोल टैक्स माफ किया जाए क्योंकि उनका गांव के कामों के लिए यहां-वहां आना-जाना लगा रहता है.

सीएम कर चुके हैं ना

ई- टेंडरिंग को रद्द किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं. मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि इस नई व्यवस्था से गांवों में विकास कार्य सुचारु होंगे साथ ही पारदर्शिता भी आएगी. उनकी इस नई व्यवस्था की तारीफ हरियाणा दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं.

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