पढ़ें राम रहीम की स्टार बाबा बनने से जेल जाने तक की कहानी, कभी लड़कियों से छेड़छाड़ मामले में स्कूल से गया था निकाला

चंडीगढ़ । डेरा प्रमुख राम रहीम किसी परिचय का मोहताज नहीं है और कल ही उसे करीब 20 वर्ष पुराने रणजीत हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया है. अपराधिक वारदात का यह तीसरा मामला है जिसमें डेरा प्रमुख को सजा होने वाली है. इससे पहले वो पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की हत्या मामले के साथ साध्वियों से यौन संबंध बनाने के मामले में रोहतक की सुनारियां जेल में सजा काट रहा है. डेरा प्रमुख की असली कहानी बेहद ही दिलचस्प हैं. स्कूली दिनों में उनकी गिनती बिगड़ैल बच्चों में होती थी और लड़की छेड़ने के मामले में उन्हें दंड भुगतना पड़ा था. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने स्टार बाबा बनने तक का सफर तय किया. हालांकि वो ऐसे बाबा रहें जिनकी गतिविधियां किसी न किसी वजह से विवादों में रही.

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बता दें कि बचपन में राम रहीम ने कई ऐसे कांड किए जिसकी वजह से उनके परिवार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. स्कूली दिनों में लड़कियों से छेड़छाड़ करने के मामले में बाबा राम रहीम को स्कूल से निकाल दिया गया था.

मजबूत राजनीतिक सम्पर्क रहें

कुल मिलाकर डेरा प्रमुख का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा. उसके मजबूत राजनीतिक सम्पर्क किसी से छिपे नहीं थे. प्रदेश के नेताओं के साथ-2 देश के कई बड़े नेता बाबा की हाजिरी लगाने अक्सर उनके सिरसा स्थित डेरे पर आते रहते थे. डेरा सच्चा सौदा अब भी उसे प्रमुख मानता है और आज भी उसके नाम पर वहां गतिविधियां चल रही है. डेरा प्रमुख दावा करता था कि बाबा बनते ही उसके गृहस्थ जीवन को त्याग दिया था लेकिन उसका परिवार हमेशा उसके साथ रहा. बाबा की जिंदगी की कहानी उसकी फिल्मों की तरह ही रंगीन और आश्चर्यजनक थी.

डेरा प्रमुख की तीन संतानें हैं जिसमें दो बेटियां व एक बेटा है. बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि बेटे की शादी भटिंडा के पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह की बेटी के साथ हुई थी. सभी बच्चों ने अपनी पढ़ाई डेरे के स्कूल में ही पूरी की है.

कब बना डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख

देश की आजादी के करीब एक वर्ष पश्चात सन् 1948 में डेरा की स्थापना शाह मस्ताना ने की थी. संत मंत का अनुसरण करने वाले इस डेरे का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा जिले में स्थित है. डेरा सच्चा सौदा की जड़ें देश के साथ-2 विदेशों तक फैली हुई है.

31 मार्च 1974 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम जी ने उसका नाम राम रहीम रखा. 23 सितंबर 1990 को शाह सतनाम सिंह ने देशभर से अनुयायियों का सत्संग बुलाया और गुरमीत राम रहीम को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. गुरमीत राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोदिया में जाट सिख परिवार में हुआ था.

कैसे सामने आने लगे आरोप

कभी खुद को भगवान विष्णु का अवतार तो कभी गुरु गोविंद सिंह की तरह वेश धारण कर डेरा प्रमुख ने विवादों से नाता जोड़ा. लेकिन उसके मामले तब ज्यादा गंभीर रूप लेने लगें जब उसके आश्रम में साध्वियों के यौन उत्पीडन और अत्याचार की कहानियां लोगों को सुनने को मिलने लगी. उनके खिलाफ लोगों के मर्डर के आरोप भी लगने लगें. इन आरोपों का खुलासा उसी के आश्रम के लोग कर रहे थे.

ध्यान लगाने और लड़कियों का यौन शोषण करने के लिए बाबा ने डेरे के अंदर एक विशाल गुफा का निर्माण करवाया हुआ था. राजाओं के महलों में होने वाले हरम की तर्ज पर वो अपनी शिष्याओ में से किसी लड़की का चयन करता और फिर उसे अपना शरीर उसे समर्पित करने के लिए कहता. डेरे के अंदर रहने वाले पुरुष श्रद्धालु गुलामों की तरह बाबा का हुक्म बजाते थे और डेरे में रहने वाली लड़कियों की शादी इन पुरुष श्रद्धालुओं से करा दी जाती थी.

डेरा के साधुओं को नपुंसक बनाने का आरोप

डेरे में ही रहने वाले टोहाना निवासी एक साधु ने जुलाई 2012 में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जिसमें उसने डेरा प्रमुख पर 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का आरोप लगाया. कोर्ट में 166 साधुओं का नाम सहित विवरण प्रस्तुत किया गया. यह मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है.

अरबों की संपत्ति का मालिक

डेरा प्रमुख राम रहीम सिरसा जिले में 700 एकड़ खेती भूमि का मालिक है. इसके अलावा उनके नाम एक मार्केट कॉम्पलेक्स और गैस स्टेशन भी नाम है. इसके अलावा सिरसा में कई एकड़ जमीन पर आश्रम का मुख्यालय है. इस जमीन जायदाद का रख-रखाव एक ट्रस्ट के जरिए किया जाता है जिसका मुखिया अब भी बाबा राम रहीम ही है. फिलहाल बाबा कैदी नंबर 8647 के रुप में साध्वियों से यौन उत्पीडन मामले में पिछले 4 साल से रोहतक की सुनारियां जेल में बंद हैं.

 

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