हरियाणा में SC कर्मचारियों को प्रमोशन में मिलेगा आरक्षण, खट्टर सरकार ने की बड़ी घोषणा

चंडीगढ़ | हरियाणा में अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. हरियाणा सरकार एससी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ देगी. प्रशासनिक सचिवों को मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) के माध्यम से सरकारी विभागों, विश्वविद्यालयों, बोर्ड- निगमों में रिक्त और स्वीकृत पदों की संख्या का आकलन करने का निर्देश दिए हैं. सभी संवर्गों में पद चिह्नित कर एससी वर्ग के लिए कोटा तय किया जाएगा.

Manohar Lal Khattar CM

सीएम खट्टर ने दिया आदेश

3 फरवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संत शिरोमणि गुरु रविदास की 646वीं जयंती पर जींद के नरवाना में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में एससी कर्मचारियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण की घोषणा की थी. सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्य सचिव संजीव कौशल ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, प्रमंडलीय आयुक्तों, उपायुक्तों, बोर्ड- निगमों के प्रबंध निदेशकों और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को तत्काल प्रभाव से एचआरएमएस से रिक्त और स्वीकृत पदों की संख्या का आकलन करने का आदेश दिया है.

जमीन खरीदने पर मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट

प्रशासनिक सचिव डेटा का सत्यापन कर प्रभारी मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त करेंगे और फिर एससी कर्मचारियों की कैडरवार कमी के आधार पर पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में आगे की कार्रवाई करेंगे. वहीं, अनुसूचित जाति के लोगों को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए जमीन की खरीद पर 20 फीसदी की छूट दी जायेगी. अभी तक 10 फीसदी की छूट दी जा रही थी.

अन्य वर्गों की तुलना में व्यवसाय ऋण पर ब्याज में 20 प्रतिशत अधिक छूट दी जायेगी. अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वेंचर कैपिटल फंड बनाया जाएगा. अनुसूचित जाति के लगभग 32 प्रतिशत बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इन बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी. ये घोषणाएं पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी की थीं. इन्हें लागू करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने दी सहमति

सुप्रीम कोर्ट भी प्रमोशन में आरक्षण के पक्ष में फैसला दे चुका है. संविधान के मुताबिक, राज्य सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है लेकिन आरक्षण क्यों दिया गया. इसके पक्ष में आंकड़े देना जरूरी है. यदि एसवी वर्ग सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है और सरकारी पदों पर उसका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है तो पदोन्नति में आरक्षण दिया जा सकता है. बशर्ते इसका प्रशासनिक कार्यकुशलता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति को लेकर एक सर्वे कराया है, जिससे आरक्षण में कोई दिक्कत नहीं होगी.

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