फिर गठबंधन सरकार के साथ खड़ा हुआ यह निर्दलीय विधायक, पत्र लिखकर दिया समर्थन

चंडीगढ़ । तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन एक साल तक चला. किसानों को डर था कि तीन कृषि कानूनों की वजह से अनाज मंडी बंद हो जाएगी. लिहाजा किसानों ने दिल्ली से लगती सीमाओं पर पक्का मोर्चा लगाकर धरना दिया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून को वापस ले लिया. इस दौरान हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेताओं को जबरदस्त विरोध का सामना भी करना पड़ा था और कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा बीजेपी से कई नेताओं ने किनारा भी किया था.

sombir sangwan

हरियाणा में भी कृषि कानूनों के विरोध में चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने मनोहर लाल के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. एक पंचायती उम्मीदवार के तौर पर जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले सोमबीर सांगवान ने किसानों की आवाज को सर्वोपरि रखते हुए खट्टर सरकार से अपनी नाराज़गी जताई थी और किसान आंदोलन में किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चले थे. विधानसभा के पटल पर भी उन्होंने किसानों की आवाज को बुलंद किया था लेकिन अब फिर से सोमबीर सांगवान ने हरियाणा सरकार को अपना समर्थन वापस दे दिया है.

विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि मैंने कृषि कानूनों के विरोध में सरकार से समर्थन वापस लिया था लेकिन अब कृषि कानून निरस्त हो चुके हैं तो मैं फिर से हरियाणा की गठबंधन सरकार को अपना समर्थन दें रहा हूं. उन्होंने कहा कि हल्के के विकास के लिए सरकार के साथ तालमेल बनाए रखना बहुत जरूरी है.

क्षेत्र के लोगों को विधायक से आस होती है कि वह उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को पूरा करें और हल्के का चहुंमुखी विकास करें और यह सब सरकार के सहयोग से ही हो सकता है. उन्होंने कहा कि अब तो खुद लोग भी बीजेपी और जेजेपी पार्टी के नेताओं का जगह-जगह स्वागत कर रहे हैं और कृषि कानून निरस्त होने पर किसानों की भी सरकार से नाराजगी दूर हो गई है. इसलिए मैंने फिर से हरियाणा सरकार को अपना समर्थन दिया है.

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